ला मालबयी: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय का कहना है कि उन्होंने (ट्रूडो ने) जी 7 शिखर सम्मेलन से पहले या उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से सार्वजनिक या निजी तौर पर कोई बातचीत नहीं की है। ऐसा कहा जा रहा था कि जी 7 संवाददाता सम्मेलन में ट्रूडो के अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना करने के बाद डोनाल्ड ट्र्रम्प (अमेरिकी राष्ट्रपति) ने शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान को खारिज कर दिया था। (पीएम मोदी के न्यौते पर 2019 में भारत आएंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग)
ट्रुडो के कार्यालय ने ट्विटर पर एक बयान में कहा , ‘‘ हमारा ध्यान यहां जी 7 शिखर सम्मेलन में पूर्ण हुए मुद्दों पर है। ’’ कार्यालय ने ट्वीट में लिखा , ‘‘प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा, उन्होंने सम्मेलन से पहले या बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति से सार्वजनिक या निजी तौर पर कोई बातचीत नहीं की। ’’ गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने रूस को दोबारा जी-8 में शामिल करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इटली के नए प्रधानमंत्री जुसेप कोंटे के आग्रह को शुक्रवार को खारिज कर दिया। आठ औद्योगिक देशों के समूह जी-8 से मॉस्को को 2014 में निलंबित किए जाने के बाद यह सात देशों का समूह जी-7 बन गया है। टस्क ने यहां जी7 सम्मेलन शुरू होने से कुछ देर पहले कहा, "इसे सात ही रहने दीजिए, यह एक शुभ संख्या है।"
टस्क ने आशंका जताई कि यह सम्मेलन अबतक का सबसे मुश्किल सम्मेलन होगा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय क्रम को चुनौती दे रहे हैं। ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि रूस को जी-8 में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। मॉस्को को 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने की वजह से जी-8 से निलंबित कर दिया गया था। रूसी बहुसंख्यक आबादी वाला क्षेत्र क्रीमिया 1954 में यूक्रेन का हिस्सा बना था।
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