न्यूयॉर्क: भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने आवागमन की आजादी, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण हल की जरूरत पर जोर दिया। डोकलाम संकट और चीन के दमनकारी बर्ताव की पृष्ठभूमि में आज तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर त्रिपक्षीय बैठक हुई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने समुद्री सुरक्षा, संपर्क और प्रसार के मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक वक्तव्य में यह जानकारी दी। (स्विट्जरलैंड में लगे इन पोस्टरों पर बुरी तरह भड़का पाकिस्तान, कही यह बात)
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और अपने ट्यूनीशियाई समकक्ष खेमाइस झानौई के साथ मुलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने देश की विदेश नीति के लक्ष्यों को मंजिल की ओर बढ़ाने की दिशा में द्विपक्षीय-त्रिपक्षीय वार्ताओं की श्रृंखला शुरू कर दी। संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर सुषमा स्वराज ने पहली द्विपक्षीय बैठक झानौई के साथ की जिसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, द्विपक्षीय मुलाकातों की शुरूआत अफ्रीकी दोस्त के साथ। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्यूनीशिया के विदेश मंत्री खेमाइस झानौई से मुलाकात की। भूटानी प्रधानमंत्री के साथ सुषमा की मुलाकात के बाद कुमार ने एक अन्य ट्वीट किया, परंपरागत रूप से विशिष्ट द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देना। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटानी प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से न्यूयॉर्क में मुलाकात की।
पड़ोसी देश के साथ सुषमा स्वराज की यह पहली बैठक चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के मद्देनजर काफी मायने रखती है। विदेश मंत्री का यह दौरा हफ्तेभर का है। उनके साथ एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी है।
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