अमेरिकी खुफिया एजेंसियां कोरोना वायरस उत्पत्ति की जांच तेज करेंगी, बाइडन ने 90 दिनों में मांगी रिपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश की खुफिया एजेंसियों से घातक कोविड-19 वैश्विक महामारी के उद्भव का पता लगाने के अपने प्रयासों को और अधिक तेज करने तथा 90 दिनों के भीतर इसपर उन्हें रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश की खुफिया एजेंसियों से घातक कोविड-19 वैश्विक महामारी के उद्भव का पता लगाने के अपने प्रयासों को और अधिक तेज करने तथा 90 दिनों के भीतर इसपर उन्हें रिपोर्ट सौंपने को कहा है। चीन में एक जैव प्रयोगशाला से वायरस की उत्पत्ति होने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच बाइडन ने यह निर्देश दिया है। कोविड-19 का पहली बार 2019 के अंतिम महीनों में चीन के मध्य में स्थित शहर वुहान में पता चला था। विश्व भर में वायरस की पहुंच की पुष्टि होने के बाद से संक्रमण के 16.8 करोड़ मामलों की दुनिया भर में पुष्टि हुई है और कम से कम 35 लाख लोगों की मौत हुई है। यह घोषणा ऐसे वक्त में की गई है जब अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में पाया गया कि चीन के वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान में कई अनुसंधानकर्ता नवंबर 2019 में बीमार पड़ गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इस नये ब्योरे से बाइडन प्रशासन पर घातक वायरस की उत्पत्ति को लेकर विस्तृत जांच का आदेश देने का नये सिरे से दबाव बना है।
बाइडन ने एक बयान में कहा, “अब मैंने खुफिया समुदाय से सूचना एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने के प्रयास तेज करने को कहा है जो हमें निर्णायक निष्कर्ष के और करीब लाए और उनसे 90 दिनों के भीतर मुझे वापस रिपोर्ट देने को कहा है।” राष्ट्रपति ने कहा कि रिपोर्ट के तहत उन्होंने जरूरी तथा जांच के क्षेत्रों को तलाशने को कहा है जिनमें चीन के लिए विशेष प्रश्न होंगे। उन्होंने कहा, “मैंने यह भी कहा है कि इस प्रयास में हमारी राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं और सरकार की अन्य एजेंसियों के काम भी शामिल होने चाहिए जो खुफिया समुदाय के प्रयासों को बढ़ाएं। और मैंने खुफिया समुदाय से उसके कार्य से कांग्रेस को पूरी तरह अवगत रखने को कहा है।”
बाइडन ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर में समान विचार रखने वाले साझेदारों के साथ काम करना जारी रख चीन पर पूर्ण, पारदर्शी एवं साक्ष्य आधारित अंतरराष्ट्रीय जांच में शामिल होने तथा सभी संबंधित जानकारियां एवं साक्ष्यों तक पहुंच उपलब्ध कराने का दबाव बनाता रहेगा। इससे पहले 2020 में जब कोरोना वायरस उभरकर आया था, तब बाइडन ने रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) को चीन तक पहुंच देने को कहा था ताकि वायरस के बारे में जाना जा सके तथा अमेरिका इससे और प्रभावी ढंग से लड़ सके। राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे निरीक्षकों को उन शुरुआती महीनों में ग्राउंड पर न जाने देना कोविड-19 की उत्पत्ति में किसी भी जांच को हमेशा नुकसान पहुंचाएगा।”
बाइडन ने कहा, “बावजूद इसके, मार्च में मेरे राष्ट्रपति बनते ही मैंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को खुफिया समुदाय को कोविड-19 की उत्पत्ति के सबसे अद्यतन विश्लेषण पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा था जिसमें संक्रमित पशु से, मानव संपर्क से या प्रयोगशाला में दुर्घटनावश हुई उत्पत्ति को लेकर जांच भी शामिल है।” उन्होंने कहा, “मुझे इस महीने की शुरुआत में वह रिपोर्ट मिली थी और मैंने अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए कहा है। अब तक, अमेरिकी खुफिया समुदाय ने दो संभावित परिदृ्श्यों की संभावना जताई है लेकिन इस सवाल के निर्णायक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।
उनकी मौजूदा स्थिति यह है : खुफिया समुदाय में दो तत्व पहले परिदृश्य की तरफ झुकते मालूम होते हैं जबकि एक बाद के परिदृश्य की तरफ झुका हुआ है-प्रत्येक को कम या मध्यम भरोसा है- बहुमत तत्वों का मानना है कि दोनों परिदृश्यों को एक-दूसरे की तुलना में ज्यादा तवज्जो देने के लिए पर्याप्त सूचना नहीं है।” बुधवार को ही, रिपब्लिकन सांसदों जॉश हॉले और माइक ब्राउन समर्थित विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कराया गया जिसमें बाइडन प्रशासन विशेषतौर पर राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान और कोविड-19 वैश्विक महामारी की उत्पत्ति के बीच किसी भी तरह की कड़ियों से संबंधित खुफिया जानकारी को सामने रखने को कहा गया है। (भाषा)