वाशिंगटन: विश्व भर की सरकारों के दबाव के बीच एक अहम कदम उठाते हुए दुनिया भर की शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनियां इंटरनेट पर आतंकी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए एक साथ आयी हैं। फेसबुक, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट और यूट्यूब ने कहा है कि हिंसक आतंकी तस्वीर या आतंकियों की भर्ती के वीडियो का पता लगाने और उन्हें हटाने के लिए वे एक साझा डेटाबेस तैयार करेंगे।सीएनएन की खबर के मुताबिक कंपनियों की तरफ से कल जारी एक बयान में कहा गया है कि डेटाबेस में तस्वीरों और वीडियो को डिजिटल तरीके से चिन्हित किया जाएगा, जिससे तकनीकी कंपनियों को प्रभावी ढंग से आतंकी सामग्रियों की पहचान में मदद मिलेगी।
दिग्गज इंटरनेट कंपनियां आतंकी संगठनों से जुड़ी सामग्री के इंटरनेट पर प्रसार को रोकने की कोशिश कर रही हैं। आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के समर्थक प्रचार और भर्ती के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल में बहुत अधिक सक्रिय दिखे हैं।
शीर्ष तकनीकी कंपनियों के कार्यकारियों ने आतंकियों द्वारा हमलावरों की भर्ती के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर जनवरी में अमेरिकी सरकार के साथ चर्चा की थी। अगस्त में ट्विटर ने कहा कि उसने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले लाखों अकाउंट को हटा दिया है। बयान में कहा गया है कि भविष्य में इस डेटाबेस से और कंपनियां जुड़ेंगी।
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