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Hindi News विदेश अमेरिका तिब्बत के राजनीतिक प्रमुख 6 दशक में पहली बार व्हाइट हाउस पहुंचे, भड़क सकता है चीन

तिब्बत के राजनीतिक प्रमुख 6 दशक में पहली बार व्हाइट हाउस पहुंचे, भड़क सकता है चीन

तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख डॉक्टर लोबसांग सांगाय ने 6 दशक में पहली बार व्हाहट हाउस का दौरा किया और तिब्बत मामलों के लिए नवनियुक्त अमेरिकी अधिकारी से मुलाकात की।

United States Tibet, Tibet White House, United States and China, United States China- India TV Hindi Image Source : CTA OFFICIAL WEBSITE तिब्बत के इस कदम से चीन और नाराज हो सकता है जिसने अमेरिका पर अपने आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

वॉशिंगटन: तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख डॉक्टर लोबसांग सांगाय ने 6 दशक में पहली बार व्हाहट हाउस का दौरा किया और तिब्बत मामलों के लिए नवनियुक्त अमेरिकी अधिकारी से मुलाकात की। केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (CTA) ने शनिवार को यह जानकारी दी। तिब्बत के इस कदम से चीन और नाराज हो सकता है जिसने अमेरिका पर अपने आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। सीटीए ने एक बयान में कहा कि डॉक्टर लोबसांग सांगाय ने शुक्रवार को अमेरिका के व्हाइट हाउस में प्रवेश किया जो एक ऐतिहासिक क्षण था। पिछले छह दशक में पहली बार सीटीए के प्रमुख को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया है।

जानें, क्या है इस यात्रा का महत्व
सांगाय ने एक ट्वीट में किया, ‘व्हाइट हाउस में औपचारिक रूप से प्रवेश करने वाला केंद्रीय तिब्बत प्रशासन का पहला राजनीतिक प्रमुख बनना बड़े सम्मान की बात है।’ सीटीए का कार्यालय भारत के धर्मशाला में है। सीटीए ने कहा, ‘आज की यात्रा सीटीए की लोकतांत्रिक प्रणाली और उसके राजनीतिक प्रमुख दोनों को मान्यता देने वाली है। यह अभूतपूर्व बैठक संभवत: अमेरिकी अधिकारियों के साथ सीटीए की भागीदारी के लिहाज से आशावादी माहौल तैयार करेगी तथा आने वाले सालों में और अधिक औपचारिक होगी।’ सीटीए के अध्यक्ष सांगाय को तिब्बत मामलों के लिए अमेरिका के नवनियुक्त विशेष समन्वयक से मुलाकात के लिए शुक्रवार को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया गया था।

डेस्ट्रो देख रहे हैं तिब्बत से जुड़े मामले
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने 15 अक्टूबर को वरिष्ठ राजनयिक डेस्ट्रो को तिब्बत मामलों के लिए विशेष समन्वय नियुक्त किया था। डेस्ट्रो अन्य विषयों के साथ ही चीन की कम्युनिस्ट सरकार और दलाई लामा के बीच संवाद आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। डेस्ट्रो की नियुक्ति की घोषणा करते हुए पोम्पियो ने कहा था कि यह कदम तिब्बत नीति कानून के संगत है और वह चीन तथा दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के बीच संवाद बढ़ाने, तिब्बतियों की विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का संरक्षण करने तथा उनके मानवाधिकारों के सम्मान के लिए जोर देने के अमेरिका के प्रयासों की अगुवाई करेंगे।

‘तिब्बत पूरी तरह चीन का आंतरिक मामला’
चीन ने डेस्ट्रो की नियुक्ति की आलोचना करते हुए कहा है कि यह तिब्बत को अस्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई राजनीतिक तिकड़म है। डेस्ट्रो की नियुक्ति के बाद सांगाय ने उनसे मुलाकात कर तिब्बत के हालात पर चर्चा की थी। डेस्ट्रो-सांगाय की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले महीने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘शिजांग (तिब्बत) के मामले पूरी तरह चीन का आंतरिक विषय है। किसी बाहरी शक्ति को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।’ (भाषा)

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