न्यूयॉर्क: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की चौंकाने वाली जीत के ख़िलाफ़ कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप पर कट्टरवादी और नस्लवादी होने के आरोप लगाए।
न्यूयॉर्क, शिकागो, फ़िलाडालफ़िया, बोस्टन, कैलिफ़ोर्निया, कोलोराडो, सीटल और अन्य शहरों में विभिन्न जाति, धर्म और आयू वर्ग के लोगों ने प्रदर्शन किया।
ग़ौरतलब है कि बुधवार को रिपब्लिकन पार्टी के विवादास्पद उम्मीदवार ट्रंप ने डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन को हराकर पूरी दुनिया को चौंका दिया हालंकि चुनाव पूर्व सर्वें में हिलेरी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख़्तियां ले रखी थी जिस पर 'अब नफ़रत नहीं' और 'ट्रंप हमारा राष्ट्रपति नही है' जैसे नारे लिखे हुए थे। न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के चुनाव प्रचार मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया जिसकी वजह से यातायात एकदम रुक गया।
युवा लातिन केली लोपेज़ ने कहा कि वह सुबह से ही है दुखी है जब स्पष्ट हो गया कि ट्रंप अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने समूचे अभियान में नस्लवाद, कट्टरता, फासिज्म और महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों का अपमान करने वाला शख्स एक रात में बदल नहीं सकता और यह नहीं कह सकता कि वह सभी अमेरिकी लोगों के लिए काम करेगा।
ऐसे ही जॉन जैकब ने जीत के बाद ट्रंप के भाषण का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह ट्रंप की इस बात पर विश्वास नहीं करते कि वह "विघटन के घाव भर देंगे।" वह चुनाव में और चर्चा में अपनी कही हुई बातों को कैसे वापस लेंगे? उनके पास क्लिंटन की तरह न तो अनुभव है और न ही बुद्धि।"
अफ़्रीकी अमेरिकी छात्र एलाज़ इबेन ने कहा कि ट्रंप अगले चार साल तक राष्ट्रपति रहेंगे और "मैं जहां राष्ट्रपति संस्थान का सम्मान करुंगा वहीं विरोध करने के अपने अधिकार का भी सम्मान करुंगा।"
शहर में विरोध का आयोजन सोशलाइट आल्टरनेटिव ग्रुप ने किया था। ग्रुप ने कहा, "ट्रंप की जीत से दहशत, हैरानी और ग़ुस्सा है। सोशलिस्ट आल्टरनेटिव ने लोगों से एकजुट होकर ट्रम्प के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन का अनुरोध किया।
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