वाशिंगटन: अमेरिका ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की प्रस्तावित बैठक को शुक्रवार को एक शानदार खबर बताया। साथ ही, अमेरिका ने उम्मीद जतायी है कि यह भविष्य में दोनों पड़ोसी देशों के बीच बेहतर और मजबूत संबंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा। वर्ष 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत स्थगित होने के बाद से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच इस तरह की यह पहली उच्च स्तरीय बैठक होगी। हालांकि, भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह भारत-पाक के बीच वार्ता की बहाली नहीं है।
भारत एवं पाकिस्तान के लोगों के लिये एक शानदार खबर
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नुअर्ट ने कहा कि हमने यह (भारत एवं पाकिस्तान के नेताओं के बीच बैठक की खबर) देखी। मेरा मानना है कि दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात और उनके बीच होने वाली वार्ता भारत एवं पाकिस्तान के लोगों के लिये एक शानदार खबर है। नुअर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच संदेशों के आदान-प्रदान का भी स्वागत किया। हीदर नुअर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पाकिस्तान के उनके समकक्ष खान के बीच सकारात्मक संवादों के आदान-प्रदान के बारे में हमने खबर देखी है। हमें उम्मीद है कि यह परिस्थितियां भविष्य में एक बेहतर मजबूत रिश्ते, बेहतर मजबूत द्विपक्षीय संबंध की शुरुआत करेगी।
आखिरी बार दिसंबर 2015 में हार्ट ऑफ एशिया में हुई बैठक
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच आखिरी बार दिसंबर 2015 में हार्ट ऑफ एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान बैठक हुई थी, जहां सुषमा पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज से मिली थीं। बैठक के बाद दोनों देशों ने व्यापक द्विपक्षीय प्रारूप के तहत वार्ता बहाली की घोषणा की थी, हालांकि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के पठानकोट हमले के बाद यह शुरु नहीं हो पाया। बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने घोषणा की कि भारत ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं उनके समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच बैठक को लेकर पाकिस्तान के अनुरोध पर सहमति जतायी है।
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