वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आठ देशों को ईरान से तेल खरीदने की अस्थायी छूट देने के अपने फैसले का सोमवार को बचाव किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों को नीचे रखने और बाजार को झटके से बचाने के लिये यह कदम उठाया है। अमेरिका ने भारत और चीन समेत आठ देशों को ईरान से कच्चे तेल खरीदना जारी रखने के लिये अस्थायी छूट दी है।
अमेरिका ने ईरान सरकार के "बर्ताव" को बदलने के लिये सोमवार से ईरान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंधों को लागू किया। अमेरिका ने ईरान के बैंकिंग और पेट्रोलियम क्षेत्र पर यह पाबंदी लागू की है। इसमें ईरान से तेल खरीदने वाले यूरोप, एशिया तथा अन्य सभी देशों और कंपनियों पर भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
हालांकि, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि आठ देशों- भारत, चीन, इटली, यूनान, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और तुर्की को ईरान से तेल खरीदने की अस्थायी अनुमति दी गयी है। अमेरिका ने यह रियायत इस आधार पर दी है कि इन देशों ने ईरान से तेल खरीद में पहले ही भारी कटौती की है।
ट्रंप ने वॉशिंगटन में ज्वाइंट बेस एंड्रयू के बाहर संवाददाताओं से कहा, "हमने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाये हैं। लेकिन तेल के मोर्चे पर हम इनमें कुछ ढील देना चाहते हैं क्योंकि मैं नहीं चाहता हूं कि तेल की कीमतें आसमान छू जाएं।" हालांकि, उन्होंने जोर दिया तेल की कीमतों को तय दायरे में रखने के लिये वह जो भी प्रयास कर रहे हैं, उनका ईरान से कोई लेना देना नहीं है।
भारत समेत अन्य देशों को फिलहाल ईरान से तेल खरीदने की अनुमति देने के फैसले पर ट्रंप ने कहा, "मैं तेल खरीद को तुरंत शून्य करके एक महान नायक (हीरो) नहीं बनना चाहता हूं। मैं ईरान से तेल आयात को तुरंत शून्य कर सकता हूं लेकिन इससे बाजार को झटका लगेगा। मैं तेल की कीमतों को बढ़ाना नहीं चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं तेल के आयात को 100 प्रतिशत बंद करके दुनिया भर में तेल की कीमतों को नहीं बढ़ाना चाहता हूं। धीरे-धीरे ईरान से तेल खरीद को शून्य किया जायेगा।" हालांकि, अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व ने ईरान से कुछ देशों को तेल खरीद में छूट देने की आलोचना की है।
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