A
Hindi News विदेश अमेरिका अफगान युद्ध जीतने के लिए पाकिस्तान में तालिबान की पनाहगाह नष्ट की जाएं

अफगान युद्ध जीतने के लिए पाकिस्तान में तालिबान की पनाहगाह नष्ट की जाएं

वाशिंगटन: एक पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तानी सेना पर तालिबान को खुफिया जानकारी, प्रशिक्षण एवं साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने का आरोप लगाया और कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ युद्ध में

Taliban- India TV Hindi Taliban

वाशिंगटन: एक पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तानी सेना पर तालिबान को खुफिया जानकारी, प्रशिक्षण एवं साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने का आरोप लगाया और कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ युद्ध में जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान में उसकी पनाहगाहों को नष्ट करना आवश्यक है। 

सेना के पूर्व उप प्रमुख एवं इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वार के अध्यक्ष जनरल (सेवानिवृत्त) जॉन एम किएने ने विश्वव्यापी खतरों पर कांग्रेस की बहस में कल कहा, पाकिस्तान में पनाहगाह नष्ट करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ नई रणनीति की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में तालिबान की पनाहगाह हैं। पाकिस्तानी सेना पनाहगाह मुहैया कराने के साथ उन्हें खुफिया जानकारी, प्रशिक्षण एवं साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराती है। 

किएने ने कहा, हम मौजूदा स्थिति में मुख्य रूप से इसलिए हैं क्योंकि इराक में युद्ध लंबा खिंच गया है और अफगानिस्तान में आवश्यक संख्या में बल तैनात नहीं किए जा सकते। ऐसे में अमेरिकी जमीनी बल खासकर थलसेना एक साथ दो जगह आतंकवाद से लड़ने के लिए बहुत छोटी है। 

उन्होंने कहा कि ओबामा की नीति युद्ध जीतने की नहीं रही बल्कि अमेरिकी संलिप्तता को कम करने की रही है। 

किएने ने कहा कि पाकिस्तान में पनाहगाहों को नष्ट करने और अफगानिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ नई रणनीति अपनाने की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं, तो जमीनी आकलन के बिना मैं आपको यह नहीं बता सकता कि इन कार्यों के लिए कितने अतिरिक्त बलों की और कितने लंबे समय तक आवश्यकता है। 

सीनेट आम्र्ड सर्विसेज कमेटी के रैंकिंग सदस्य सीनेटर जैक रीड ने कहा कि अफगानिस्तान में वर्ष 2017 में लगभग 8,400 अमेरिकी बलों को तैनात करने और अफगान सुरक्षा बलों को समर्थन मुहैया कराने के राष्ट्रपति के निर्णयों ने अफगानिस्तान में स्थायी अमेरिकी एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मौजूदगी की आधारशिला रखी है। 

उन्होंने कहा, इस निर्णय ने अफगानिस्तान में प्रगति के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता के संबंध में अफगानिस्तान, तालिबान और पाकिस्तान समेत इलाके में अन्य को एक महत्वपूर्ण संदेश भी भेजा है। 

रीड ने कहा, हमारा मानना है कि अफगानिस्तान की सरकार एवं इसके लोगों से हमें लगातार समर्थन मिलता रहेगा। इसके मद्देनजर मुझे आशा है कि अगला प्रशासन अफगानिस्तान में अमेरिका की मौजूदगी को लेकर शर्त आधारित दृष्टिकोण का पालन करेगा जो वहां हमारी दीर्घकालीन रणनीति को समर्थन देने के लिए तैनात किए जाने वाले सैन्य बलों की संख्या के मामले में लचीलेपन की बात करता है। 

Latest World News