संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को लताड़ा, कहा- हत्यारों के साथ कैसी वार्ता?
भारत ने शनिवार को चेतावनी दी कि मूलभूत सुधारों के अभाव में संयुक्त राष्ट्र के अप्रासंगिक हो जाने का खतरा है और कहा कि अगर यह विश्व निकाय अप्रभावी रहा तो बहुपक्षवाद खत्म हो जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वार्ता प्रक्रिया को बाधित करने के पाकिस्तान के आरोप को पूरी तरह से झूठ बताते हुए शनिवार को विश्व के नेताओं से सवाल किया कि ‘‘हत्यारों को महिमामंडित" करने वाले देश के साथ "आतंकी रक्तपात" के बीच कैसे वार्ता की जा सकती है। पाकिस्तान को दिए तीखे जवाब में सुषमा ने कहा कि इस्लामाबाद से बातचीत के लिए भारत ने कई प्रयास किए हैं और इसे रोके जाने का एकमात्र कारण पाकिस्तान का व्यवहार है।
पाकिस्तान के साथ बातचीत उसके आचरण के कारण रुकी
सुषमा स्वराज ने कहा कि हम पर वार्ता प्रक्रिया को रोकने का आरोप हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। हमारा मानना है कि बातचीत सबसे जटिल विवादों को हल करने का एकमात्र तर्कसंगत माध्यम है। पाकिस्तान के साथ बातचीत कई बार शुरू हुई। अगर वे रुक गयीं तो इसका एकमात्र कारण सिर्फ पाकिस्तान का आचरण था। सुषमा स्वराज यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें सत्र को संबोधित कर रही थीं।
बैठक के प्रस्ताव को स्वीकारने के बाद जवानों की हत्या
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा और महासभा से इतर देशों के विदेशमंत्रियों के बीच बैठक का सुझाव दिया। भारत ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया लेकिन उसकी स्वीकृति के कुछ घंटों के भीतर ही खबरें आई कि आतंकवादियों ने तीन भारतीय जवानों की हत्या कर दी है। सुषमा ने सवाल किया, "क्या यह वार्ता की इच्छा का संकेत देता है।" उन्होंने कहा कि भारत की विभिन्न सरकारों ने वर्षों से शांति की कोशिश की है। प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों को अपने शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित कर अपने पहले दिन से ही संवाद के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि वह खुद भी दिसंबर 2016 में इस्लामाबाद गयीं और व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की पेशकश की।
आतंकवादी रक्तपात के बीच हम कैसे वार्ता कर सकते हैं?
सुषमा स्वराज ने कहा कि लेकिन जल्द ही, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने दो जनवरी को पठानकोट में हमारे वायु सेना अड्डे पर हमला किया। कृपया मुझे बताएं कि आतंकवादी रक्तपात के बीच हम कैसे वार्ता कर सकते हैं। पाकिस्तान द्वारा भारत पर बार-बार मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाए जाने पर सुषमा ने कहा कि आतंकवादियों से ज्यादा मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाला कौन हो सकता है? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हत्यारों का महिमामंडन करता है और उसे निर्दोषों का खून नहीं दिखता।
झूठी तस्वीरें दिखा पाक को वैश्विक शर्मिंदगी उठानी पड़ी
एक और प्रभावशाली जवाब में सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान की यह आदत हो गयी है कि वह अपने दोषों को ढंकने के लिए भारत के खिलाफ छल का आरोप लगाता है। उन्होंने जिक्र किया कि संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल पाकिस्तान की धोखाधड़ी को देखा था जब उसके प्रतिनिधि ने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कुछ तस्वीरों को भारत के कथित "मानवाधिकार उल्लंघन" के सबूत के तौर पर प्रदर्शित किया था। उन्होंने कहा कि लेकिन वे तस्वीरें दूसरे देश की निकलीं और पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी।