वॉशिंगटन: अमेरिका ने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान समेत क्षेत्रीय साझीदारों को कड़ी चेतावनी दी है। पेंटागन ने कहा है कि आतंकवादियों को सरकारी समर्थन दिया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अमेरिका ने अफगानिस्तान में सुरक्षा के सामने चुनौती बने और पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे कुछ आतंकी समूहों को लेकर भी चिंता जताई है। पेंटागन की यह टिप्पणी अमेरिका और पाकिस्तान के हालिया खट्टे-मीठे रिश्तों की खबरों के बीच आई है।
पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई अफगानिस्तान पर आधारित जून से नवंबर 2018 के बीच की अवधि के लिए अपनी अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान में तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का खुलेआम घूमना अब भी जारी है। पेंटागन का यह बयान उस खबर के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की योजना बना रहे हैं। पेंटागन का यह रुख पाकिस्तान के लिए भी चिंता की बात है जिसपर अक्सर आतंकी संगठनों को पनाह देने का आरोप लगता रहा है।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान विदेशों के समर्थन वाले चरमपंथ की वजह से अपनी सुरक्षा के प्रति लगातार खतरों का सामना कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान सरकार और पूर्वी अफगानिस्तान पर दबाव बनाने के लिये लगातार तालिबान का अभिन्न अंग बना हुआ है। पेंटागन ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में मौजूद 20 से ज्यादा आतंकी और चरमपंथी समूहों की निगरानी और उनसे पैदा हुए खतरों से निपटने के लिये अफगान समर्थित अमेरिकी प्लेटफॉर्म बनाने की जरूरत है।
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