SpaceX: तीन दिन बाद धरती पर लौटा स्पेसक्राफ्ट, समुद्र में उतरा
नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस रिसर्च सेंटर से इसकी लॉन्चिंग हुई थी और तीन दिन बाद इस स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा के पास अटलांकि सागर में सुरक्षित लैंड किया।
केप कैनावेरल. 3 दिन तक अंतरिक्ष में धरती का चक्कर लगाने के बाद स्पेस एक्स कंपनी का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित धरती पर लौट आया है। नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस रिसर्च सेंटर से इसकी लॉन्चिंग हुई थी और तीन दिन बाद यह स्पेसक्राफ्ट ने फ्लोरिडा के पास अटलांकि सागर में सुरक्षित उतरा। आपको बता दें कि अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स पहली बार 4 लोगों को अंतरिक्ष में भेजा था।
इस कैप्सूल ने 357 मील यानी करीब 575 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में तीन दिन तक चक्कर लगाए। 9 साल बाद ये पहला मौका है जब इंसान इतनी ऊंचाई पर गया। धरती की कक्षा में जाने वाला ये पहला नॉन प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट्स का क्रू है। इस मिशन के चारों सदस्य इससे पहले कभी अंतरिक्ष में नहीं गए है।
ऐसा पहली बार है जब कक्षा का चक्कर लगाने वाले अंतरिक्ष यान में मौजूद कोई भी व्यक्ति पेशेवर अंतरिक्ष यात्री नहीं था। ये अंतरिक्ष पर्यटक यह दिखाना चाहते थे कि आम लोग भी अंतरिक्ष में जा सकते हैं और स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने उन्हें अंतरिक्ष में भेजा। स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल ने कहा, ‘‘आपके अभियान ने दुनिया को यह दिखाया कि अंतरिक्ष हम सभी के लिए है। इस पर यात्रा के प्रायोजक जारेड इसाकमैन ने कहा, "यह हमारे लिए बेहद रोमांचक था, अभी यह बस शुरू हुआ है।"
स्पेसएक्स का पूरी तरह स्वचालित ड्रैगन कैप्सूल बुधवार रात को रवाना होने के बाद 585 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच गया। 160 किलोमीटर बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से आगे निकलने के बाद यात्रियों ने कैप्सूल के सबसे ऊपर लगी खिड़की से पृथ्वी का नजारा देखा। पृथ्वी पर लौटने के बाद सभी यात्री स्वस्थ और खुश दिखे।
इस उड़ान का नेतृत्व 38 वर्षीय अरबपति जारेड इसाकमैन ने किया। वह ‘शिफ्ट4 पेमेंट्स इंक’ के कार्यकारी प्रबंधक हैं। उनके अलावा कैंसर से उबरी हेले आर्सीनॉक्स (29), स्वीपस्टेक विजेता क्रिस सेम्ब्रोस्की (42) और एरिज़ोना में एक सामुदायिक कॉलेज के शिक्षक सियान प्रॉक्टर (51) इस मिशन में शामिल थे। आर्सीनॉक्स अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे कम उम्र की अमेरिकी हैं। वह किसी कृत्रिम अंग के साथ अंतरिक्ष में जाने वाली पहली शख्स भी हैं। उनके बाएं पैर में टाइटेनियम की रॉड लगी हुई है।