वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके वियतनाम समकक्ष नागवेन शुआन फुक ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए रणनीतिक महत्व वाला है और समुद्र में आवाजाही पर गैरकानूनी तरीके से प्रतिबंध एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति को अस्थिर करेगा। इस विवादित क्षेत्र में चीन के विस्तारवादी रवैये के बीच दोनों ही देशों के नेताओं ने नौवहन की स्वतंत्रता और सागर के दूसरे कानूनी इस्तेमाल की उपयोगित पर जोर दिया। दोनों नेताओं के बीच कल यहां हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने बिना किसी धमकी या बल प्रयोग के अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के समर्थन पर सहमति जताई है। (ये पुरुष हुआ है दो बार प्रेग्नेंट, जानिए क्या है पूरा मामला)
दोनों नेताओं ने दक्षिण चीन सागर विवाद में दखल रखने वाले सभी पक्षों से अच्छी भावना से अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को लागू करें और सैन्यीकरण जैसे विवादित पहलु समेत ऐसी कार्रवाई से बचें जिससे तनाव हैं। ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका उन सभी जगहों पर अपनी उड़ान और जलयात्रा जारी रखेगा, जहां तक अंतर्राष्ट्रीय कानून उसे इसकी अनुमति देता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के जनवरी में राष्ट्रपति पदभार संभालने के बाद फुक व्हाइट हाउस का दौरा करनेवाले पहले दक्षिणएशियाई नेता है। फुक का अमेरिकी दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन के साथ कथित तौर पर अमेरिका का कारोबारी सौदा होने के बाद ट्रंप चीन के प्रति नरम रूख अपनाते हुए दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अमेरिका और वियतनाम पहले से ही व्यापार सहित कुछ शीर्ष विषयों को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
वहीं, वियतनाम के प्रधानमंत्री का कहना है कि वह ट्रंप के दोस्ताना रवैये और खुलेपन से काफी प्रभावित हुए हैं। दोनों ही देश के नेताओं ने उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर भी चिंता जाहिर की है।
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