डेनवर: दुनियाभर में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के फैलने के मद्देनजर अमेरिकी नागरिक गीना वेल्च ने कोई जोखिम मोल नहीं लेने का फैसला किया और उसने स्वास्थ्यकर्मियों को यह कहकर कोविड-19 की तीसरी यानी बूस्टर खुराक लगवाई कि यह उसकी पहली खुराक है। अमेरिकी सरकार ने बूस्टर खुराक को मंजूरी नहीं दी है। उसका कहना है कि अभी इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि बूस्टर खुराक आवश्यक है, लेकिन अमेरिका में वेल्च की तरह बड़ी संख्या में ऐसे लोग है, जिन्होंने देश में टीकों की अधिक मात्रा होने और पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोगों पर नजर नहीं रखे जाने का लाभ उठाते हुए बूस्टर खुराक ले ली है।
केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही स्नातक छात्रा वेल्च ने कहा कि वह कोविड-19 संबंधी वैज्ञानिक अध्ययनों पर नजर रखती है और सोशल मीडिया पर कई विषाणु वैज्ञानिकों एवं महामारी विशेषज्ञों के सोशल मीडिया खातों पर दी गई जानकारी भी पढ़ती रहती हैं, जिनमें बूस्टर खुराक का समर्थन किया गया है। अस्थमा की मरीज 26 वर्षीय वेल्च ने कहा, ‘मैं इन विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार काम कर रही हूं और स्वयं को सुरक्षित कर रही हूं। मैं उनके द्वारा तीसरी खुराक लेने की सिफारिश करने तक छह महीने से एक साल तक का इंतजार नहीं करूंगी।’
फाइजर ने कहा है कि वह बूस्टर खुराक के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मंजूरी लेने की योजना बना रहा है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोगों को फिलहाल कोई खतरा प्रतीत नहीं होता है। इसके बावजूद अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के आंकड़ों के अनुसार, स्वास्थ्य कर्मियों ने 900 से अधिक ऐसे लोगों की जानकारी दी है, जिन्होंने टीके की तीसरी खुराक ली है। ‘एसोसिएशन ऑफ इम्युनाइजेशन मैनेजर्स’ के कार्यकारी निदेशक क्लेयर हन्नान ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि किसी के पास इस बात की वास्तविक जाानकारी है कि तीसरी खुराक लेने वाले लोगों की संख्या कितनी है।’
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