वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि देश के मुस्लिमों को रमजान के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन वैसे ही करना होगा जैसे कि ईसाइयों को ईस्टर पर करना पड़ा था। आपको बता दें कि ईस्टर में कई श्रद्धालु कोरोना वायरस से संबंधित पाबंदियों के विरुद्ध जाकर बड़ी सभाओं में एकत्रित हो गए थे और उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। ट्रंप ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इमाम सोशल डिस्टैंसिंग के आदेश का पालन करने से इनकार करेंगे।
‘वे चर्च के खिलाफ कदम उठाते हैं पर मस्जिदों के खिलाफ नहीं’
ट्रंप ने एक रूढ़िवादी कमेंटेटर के रिट्वीट का बचाव करते हुए ये बातें कहीं जिसने सवाल किया था कि क्या सोशल डिस्टैंसिंग को धता बताने पर मुसलमानों पर भी उतनी की कड़ी कार्रवाई की जाएगी जितनी की ईसाइयों पर की गई थी। ट्रंप ने शनिवार को कहा, ‘मैं कहूंगा कि इसमें फर्क हो सकता है। और हमें देखना होगा कि क्या होता है क्योंकि मैंने इस देश में काफी असमानता देखी है। वे ईसाई गिरजाघरों के खिलाफ तो कदम उठाते हैं लेकिन मस्जिदों के खिलाफ नहीं।’ दरअसल ईस्टर के मौके पर कुछ ईसाई गैरकानूनी रूप से धार्मिक सभाओं में भाग लेने के लिए जन स्वास्थ्य संबंधी नियम तोड़ते पाए गए थे।
‘मुझे नहीं लगता कि इमाम आदेशों को नहीं मानेंगे’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि इमाम सामाजिक दूरी के आदेशों का पालन करने से इनकार करेंगे, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। मैं भी धर्म में विश्वास रखता हूं और यह मायने नहीं रखता कि आपका धर्म क्या है। लेकिन हमारे नेता अलग धर्मों के साथ अलग-अलग व्यवहार करते दिखाई देते हैं।’ ट्रंप पर मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के आरोप लगते रहे हैं। पद संभालने के बाद उन्होंने जो पहला कदम उठाया था वह था कई मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगाना। (भाषा)
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