न्यूयॉर्क: श्रम विभाग की एक जांच में एक अमेरिकी भारतीय सीईओ को उसकी पूर्व घरेलू सहायिका को 135,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश एक जांच के बाद आया, जिसमें इस बात का पता चला कि महिला अपनी घरेलू सहायिका को तय मानक से कम वेतन देती थी और दुव्र्यवहार करती थी। रोज इंटरनेशनल एंड आईटी स्टाफिंग की सीईओ हिमांशु भाटिया को अपनी पूर्व घरेलू सहायिका को वेतन और यूएस डिस्टि्रक्ट कोर्ट आॉफ द सेंट्रल डिस्टि्रक्ट ऑफ कैलिफोर्निया में बनी सहमति के तहत मुआवजा देना होगा।
शिकायत में कहा गया था कि भाटिया अपनी घरेलू सहायिका को हर महीने नियत 400 अमेरिकी डॉलर वेतन देती थी और साथ में खाना और रहने के लिए जगह देती थी। घरेलू सहायिका ने खुद की पहचान शीला निंगवाल बताया है। जांचकर्ताओें को पता चला कि सहायिका के साथ कठोर दुव्र्यवहार और हिंसा की जाती थी। सहायिका को बीमार होने के दौरान गैराज में कार्पेट पर सोने के लिए मजबूर किया जाता था, जबकि भाटिया का कुत्ता पास में ही गद्दे पर सोता था। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि भाटिया ने सहायिका का पासपोर्ट भी खुद रख लिया था।
सीईओ ने दिसंबर 2014 में सहायिका को उस समय नौकरी से निकाल दिया जब वह कथित तौर पर श्रम कानून के बारे में ऑनलाइन जानकारी ले रही थी। इसके बाद सहायिका ने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि उसे पर्याप्त वेतन मिल रहा है और भाटिया के साथ उसका कोई भी रोजगार संबंधी विवाद नहीं है।
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