रक्षा और आतंकवाद निरोध होंगे ट्रंप के प्रमुख स्तंभ
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष सैन्य सलाहकार ने कहा है कि ट्रंप के शासन में रक्षा और आतंकवाद-निरोध भारत-अमेरिका सामरिक संबंध के दो प्रमुख स्तंभ होंगे और ट्रंप की
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष सैन्य सलाहकार ने कहा है कि ट्रंप के शासन में रक्षा और आतंकवाद-निरोध भारत-अमेरिका सामरिक संबंध के दो प्रमुख स्तंभ होंगे और ट्रंप की विदेश नीति के लिए भारत बेहद अहम होगा। वरिष्ठ सैन्य सलाहकार और ट्रंप की कई महत्वाकांक्षी रक्षा नीतियां तय करने वाले अलेक्जैंडर ग्रे ने भारत के बारे में कहा, यह देश है जो हमारे मूल्यों को साझा करता है, यह एक देश है जो ढेर सारे भू-राजनीतिक हितों को साझा करता है और मैं समझता हूं, उनका (ट्रंप का) काम बुश प्रशासन की परंपरा को आगे बढ़ाना होने जा रहा है जिसने इस संबंध में बहुत प्रगति की।
ग्रे ने संभावित ट्रंप प्रशासन की भारत के प्रति नीति के बारे में कहा, हम (ट्रंप प्रशासन) ना सिर्फ सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं को सुदृढ़ करने की बाट जोह रहे हैं, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी भारत के साथ बहुत समान चीजें हैं। एक ऐसे वक्त में, जब भारत की विदेश नीति चीन और पाकिस्तान के वजह से, इस्लामी आतंकवाद के वजह से बदल रही है, हमें खुली बांहों से उनका अभिवादन करने की जरूरत है। मैं समझता हूं कि ट्रंप प्रशासन उसे करने के लिए तैयार है।
ट्रंप राष्ट्रपति पद के एकमात्र उम्मीदवार हैं जिन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को संबोधित किया और भारत के साथ अमेरिका के मजबूत रिश्तों के बारे में सीधे बात की। ग्रे ट्रंप कैंपेन की रक्षा एवं सैन्य नीतियों के विकास में मुख्य भूमिका निभाने वाले के रूप में उभरे हैं और उनका कहना है कि ट्रंप की विदेश नीति में भारत बेहद अहम होगा।
प्रतिष्ठित पत्रिका फारेन पालिसी में प्रकाशित प्रमुख नीति-पत्र डोनाल्ड ट्रंप्स पीस थ्रू स्ट्रेंग्थ विजन फार द एशिया पैसिफिक के सह-लेखक ग्रे ने कहा कि ट्रंप की भारत-एशिया प्रशांत नीति में भारत सूची के शीर्ष पर है और रक्षा पहलू इसका अहम स्तंभ होगा। उन्होंने कहा, भारत के साथ रक्षा संबंध सुदृढ़ करना शीर्ष पर होगा। यह वही है जिसकी कांग्रेस लंबे समय से बाट जोह रही है।
उन्होंने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत-अमेरिका रक्षा रिश्तों को सुदृढ़ करने के लिए कानूनी परिवर्तन करने की दिशा में काम करेगा। ग्रे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ट्रंप प्रशासन ऐसा नहीं करने देगा जो चीन दक्षिण चीन सागर में कर रहा है, जो वह पूर्व चीन सागर में कर रहा है जो वह भारत में सीमा के करीब कर रहा है।
एशियाई मूल के अमेरिकी नागरिकों पर ट्रंप की सलाहकार समिति के सदस्य पुनीत अहलुवालिया ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के मजबूत संबंध चीन को भारत के प्रति आक्रामक रूख दिखाने से रोकेगा। उन्होंने कहा, भारत के साथ मजबूत अमेेरिकी रक्षा मजबूत नौसेना बना कर और साइबर तथा अन्य क्षेत्रों में नवीनतम प्रौद्योगिकी से भारत को अपने पड़ोसियों के खतरे से और आतंकवाद से लड़ने में एक भरोसेमंद सहयोगी देगा।