वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने एचआईवी संक्रमण का पता लगाने का एक ऐसा नया तरीका विकसित किया है, जो यह देख सकता है कि किस तरह कोई कण प्रत्येक कोशिका को प्रभावित करता है। यह तरीका इस बीमारी की रोकथाम एवं उपचार से जुड़ी नई थैरेपी को जन्म दे सकता है। (अफगानिस्तान पर आज नई रणनीति की घोषणा करेंगे ट्रंप)
कोशिकाओं में संक्रमण पैदा करने वाले कणों यानी वाइरियॉन्स की गति आदि की कल्पना करना नियमित प्रक्रिया है लेकिन इन आकलनों की प्रासंगिकता अस्पष्ट रही है। ऐसा इसलिए रहा है क्योंकि कई वाइरियॉन या तो विसंगति का शिकार होते हैं या फिर अपना प्रतिरूप नहीं बताते।
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थॉमस होप ने कहा, यह कह पाना कि फलां वाइरियॉन ने उस कोशिका को संक्रमित किया इस क्षेत्र में स्पष्टता लाने में मददगार होगा। होप ने कहा, यह हमें समझाने देता है कि वायरस को किसी कोशिका को संक्रमित करने के लिए क्या करना होता है। इससे हमें नई जानकारी मिलती है, जैसे कि कोशिका में यह किस स्थान पर होता है और यह घटना किस समय होती है। इस वायरस के बारे में हम जितना ज्यादा जानेंगे, उसे रोकने के अवसर उतने ही बेहतर होंगे।
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