संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में रूस के उपराजदूत दिमित्री पोलांस्की ने गुरुवार को कहा कि रूस तब तक यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा, जब तक कि उसे ऐसा करने के लिए पड़ोसी या किसी और द्वारा उकसाया नहीं जाता। इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन से कई खतरों और काला सागर में अमेरिकी युद्धपोतों की उकसावे वाली कार्रवाई का हवाला दिया। उपराजदूत पोलांस्की ने यूक्रेन से लगती रूस की सीमा पर सैनिकों की तैनाती के सवाल के जवाब में यह बात कही।
‘ऐसी कोई योजना नहीं है, न ही कभी थी’
तैनाती से रूस पर अमेरिकी दबाव बढ़ गया है और बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से यूक्रेन के विदेश मंत्री को आश्वासन दिया गया था कि यूक्रेन की सुरक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है। पोलांस्की से पूछा गया था कि क्या रूस, यूक्रेन पर हमला करने की योजना बना रहा है। उन्होंने जवाब में कहा, ‘ऐसी कोई योजना नहीं है, न ही कभी थी और जब तक कि हमें यूक्रेन या किसी और द्वारा ऐसा करने के लिए उकसाया नहीं जाता,हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे। या फिर जब तक रूस की राष्ट्रीय संप्रभुता को कोई खतरा ना हो।’
‘सीधे टकराव को टालना काफी मुश्किल है’
पोलांस्की ने यूएन हेडक्वॉर्टर में कहा, ‘यूक्रेन की ओर से कई खतरे पेश किए जा रहे हैं और यह भी याद रखें कि काला सागर के आसपास अमेरिकी युद्धपोत बहुत करीबी से काम कर रहे हैं। इसलिए काला सागर में हर दिन सीधे टकराव को टालना काफी मुश्किल है। हमने अपने अमेरिकी सहकर्मियों को आगाह किया है कि यह सीधे तौर पर उकसावे पूर्ण कार्रवाई है।’ वहीं, ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका को रूस की मंशा के बारे में नहीं पता लेकिन अपने सैन्य हस्तक्षेप को सही ठहराने के लिए सीमा पर उकसावे को बढ़ावा देने का उसका इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर वहां कोई उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है तो वह रूस है।’
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