फीनिक्स (अमेरिका)। अमेरिका के कैपिटल भवन (अमेरिकी संसद भवन) पर छह जनवरी को हमला करने वाली हिंसक भीड़ में शामिल अनेक लोगों ने पहले तो सोशल मीडिया पर अपनी हरकतों का प्रचार किया और जब उन्हें यह अहसास हुआ कि इससे वे कानूनी मुश्किल में फंस सकते हैं उन्होंने इसके सबूत मिटा दिए। अधिकारियों ने यह बात कही।
अदालत के दस्तावेजों का आकलन करने के बाद एसोसिएटेड प्रेस ने पाया कि कम से कम 49 अभियुक्त ऐसे हैं, जिन पर अपराध में लिप्तता वाले फोटो, वीडियो या टेक्स्ट को फोन या सोशल मीडिया अकाउंट से हटाने का प्रयास करने का आरोप है, जो इसके सबूत हैं कि संसद भवन पर हमला करने वाली पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक भीड़ का वे हिस्सा थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया खातों को छिपाने का प्रयास इस बात को दिखाता है कि जब आरोपियों को पता चला कि परेशानी बढ़ सकती है तो वे सबूतों से छेड़छाड़ के लिए बेकरार होने लगे। हिंसक हमले में उपद्रवियों की भूमिका को छिपाने की उनकी कोशिश अब अदालत में फिर उनके लिये परेशानी का सबब कन सकती है।
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