तीन दशक में इस साल सबसे ज्यादा पत्रकार भेजे गए जेल: सीपीजे
न्यूयार्क: प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए काम करने वाली कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि इस साल सरकारों द्वारा जेल भेजे गए पत्रकारों की संख्या बीते तीन दशकों की तुलना में
न्यूयार्क: प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए काम करने वाली कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि इस साल सरकारों द्वारा जेल भेजे गए पत्रकारों की संख्या बीते तीन दशकों की तुलना में सबसे ज्यादा है। इसकी सबसे प्रमुख वजह जुलाई में तख्तापलट की कोशिश विफल होने के बाद तुर्की में की गई कार्रवाई है। इस गैर लाभकारी समूह ने कहा कि तुर्की में एक दिसंबर तक कम से कम 81 पत्रकारों को जेल में डाला जा चुका था। इन सभी पर राष्ट्र का विरोध करने के आरोप लगाए गए हैं। समूह ने बंदी बनाए गए पत्रकारों की वार्षिक संख्या पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, तुर्की में वर्ष 2016 की शुरूआत से ही मीडिया की स्वतंत्रता बंधक बन गई थी। अधिकारी पत्रकारों को गिरफ्तार कर रहे थे, प्रताडि़त कर रहे थे और उन्हें बर्खास्त कर रहे थे। वे खबर संगठनों को या तो बंद कर रहे थे या उनपर कब्जा कर रहे थे।
एलाना बीजर की ओर से लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया भर में कुल 259 पत्रकार जेल में बंद हैं। इनमें से 199 पत्रकारों को तो इसी साल कैद किया गया है। समूह ने 1990 से इस संदर्भ में रिकॉर्ड रखना शुरू किया था और इस साल यह संख्या सबसे ज्यादा है। इस संख्या में लापता हुए या राज्येत्तर संगठनों द्वारा बंदी बनाए गए पत्रकारांे की संख्या को शामिल नहीं किया गया है। बीते 15 जुलाई को हुए तख्तापलट के प्रयास के बाद से तुर्की में अब भी आपातकाल की स्थिति है। सरकार की ओर से तख्तापलट के कथित समर्थक समूहों के खिलाफ की गई कार्रवाई में हजारों लोगों को जेल भेजा गया है। हजारों लोग अपनी नौकरी खो बैठे हैं। आलोचकों ने इसे दुर्भावना के साथ की जा रही कार्रवाई करार दिया है।
दो माह के अंदर, तुर्की में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सरकार ने 100 से ज्यादा पत्रकारों को हिरासत में लिया है और कम से कम 100 समाचार प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए हैं। समूह ने कहा कि वर्ष 2016 में पत्रकारों की गिरफ्तारी के मामले में सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता तुर्की रहा। चीन दूसरे स्थान पर रहा। एक दिसंबर तक चीन ने 38 पत्रकारों को गिरफ्तार किया था। बीते दो साल में, चीन ने विश्वभर के सबसे अधिक पत्रकारों को जेल भेजा है। रिपोर्ट में कहा गया, हाल के सप्ताहों में, बीजिंग ने उन पत्रकारों पर कार्रवाई को तेज किया, जो विरोध प्रदर्शनों और मानवाधिकार उल्लंघनों से जुड़ी खबरें दे रहे थे। इस सूची में मिस्र तीसरे स्थान पर था। उसने 25 पत्रकारों को बंदी बनाया है। वर्ष 2008 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि ईरान शीर्ष पांच उल्लंघनकर्ताओं में नहीं है।