अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा प्रशासन के साथ अमेरिका में शरणार्थियों को पनाह देने के समझौते के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल को फोन पर फटकार लगाई और उन पर 'बोस्टन बॉम्बर्स' को अमेरिका में भेजने का आरोप लगाया। सत्ता में आने के बाद दोनों के बीच फ़ोन पर ये पहली बातचीत थी।
डेली मेल के अनुसार गुरुवार को ट्रंप ने ट्वीट करके शरणार्थियों को पनाह देने पर राज़ी होने के लिए ओबामा प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'क्या आप विश्वास कर सकते हैं? ओबामा प्रशासन ऑस्ट्रेलिया से हज़ारों अवैध अप्रवासियों को पनाह देने पर राज़ी हो गया। क्यों? मैं इस मूर्खतापूर्ण समझौते का अध्ययन करुंगाl!
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार वरिष्ट अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप ने टर्नबुल के साथ बातचीत 25 मिनट में ख़त्म कर दी और फ़ोन रख दिया जबकि बातचीत एक घंटे होनी थी।
लेकिन टर्नबुल ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि बातचीत अच्छे नोट पर खत्म हुई।
बताया जाता है कि ट्रंप ने टर्नबुल से कहा कि ये उस दिन की सबसे ख़राब बातचीत है। ट्रंप ने इसके पहले रुसी राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं के साथ के साथ हुई बातचीत का भी दंभ भरा।
ओबामा प्रशासन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत अमेरिका नौरु और मैनस द्वीप से 1250 शरणार्थियो को अपने यहां पनाह देगा। लेकिन ट्रंप ने टर्नबुल से कहा: 'मुझे नहीं चाहिये ये लोग।'
स्काय न्यूज़ के अनुसार एक समय तो ट्रंप टर्नबुल पर चिल्लाने भी लगे थे। ये घटना शनिवार की है।
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