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भारत, पाकिस्तान के लिए ग़रीबी ख़त्म करना बेहद मुश्किल: विश्व बैंक

वाशिंगटन: विश्व बैंक के इस हफ़्ते जारी आंकड़ों के अनुसार भारत और पाकिस्तान के लिए ग़रीबी ख़त्म करना बहुत कठिन काम है। विश्व बैंक की रिपोर्ट— “ग़रीबी और साझा समृद्धि” में पाकिस्तान को उन देशों

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वाशिंगटन: विश्व बैंक के इस हफ़्ते जारी आंकड़ों के अनुसार भारत और पाकिस्तान के लिए ग़रीबी ख़त्म करना बहुत कठिन काम है। विश्व बैंक की रिपोर्ट— “ग़रीबी और साझा समृद्धि” में पाकिस्तान को उन देशों के बीच रखा गया है जहां ग़रीब से ग़रीब लोगों की आमदनी तेज़ी से बढ़ रही है जबकि भारत में उन देशों में है जहां ग़रीबों की आमदनी धीरे बढ़ रही है। 

वैसे रिपोर्ट में कई मामलों में भारत पाकिस्तान से आगे है। विश्व बैंक की ग़रीबी रेखा ( 127 रुपये प्रति दिन) के मुताबिक भारत में 21.25 प्रतिशत लोग इस रेखा पर हैं या इसके नीचे हैं जबकि पाकिस्तान में ये प्रतिशत 8.3 है। 58 प्रतिशत भारतीय 208 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं जबकि इतना ही पैसा 45 प्रतिशत पाकिस्तानी प्रतिदिन कमाते हैं। 

हालंकि बैंक को आशा है कि अगर बांग्लादेश ने अपने ज़बरदस्त आर्थिक सुधार जारी रखे तो वहां 2030 तक ग़रीबी ख़त्म हो जाएगी। बांग्लादेश में 77.6 प्रतिशत लोगों की प्रतिदिन आय 208 रुपये है। 

जीवन काल (life expectancy) के मामले में भारत की स्थिति पाकिस्तान से बेहतर है। 2014 में भारत में औसत आयु 68 वर्ष थी जबकि पाकिस्तान में औसत आयु 66.1 वर्ष थी। महिलाओं के मामले में भारत पाकिस्तान से आगे है। बारतीय महिलाओं की औसत आयु 69.49 वर्ष है जबकि पाकिस्तान ये 67.15 वर्ष है।

इसी तरह वयस्क महिला साक्षरता में भी भारत पाकिस्तान से आगे है। 2011 में भारत में वयस्क महिला साक्षरता का प्रतिशत 59.2 प्रतिशत था जोकि पाकिस्तान में 41.9 प्रतिशत था।

कुपोषण के मामले में भी भारत पाकिस्तान से बेहतर है। 2015 में भारत में कूपोषण के 15.2 प्रतिशत मामले थे जबकि पाकिस्तान में 22 प्रतिशत। 

भारत में शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। 2010 में ये दर जहां 46.3 थी वही 2015 में ये घटकर 37.9 हो गई। पाकिस्तान में ये क्रमश: 73.5 (2010) और 65.8 (2015) रही है।

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