संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए शरीफ न्यूयार्क पहुंचे
पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाने के लिए तैयार है।
न्यूयार्क/इस्लामाबाद: पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (जिसे वह 'आजाद कश्मीर' कहता है) के राष्ट्रपति मसूद खान संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लेने न्यूयार्क पहुंचे हैं। शरीफ को कश्मीर पर केंद्रित होकर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना है वहीं खान को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस (ओआईसी) के कान्टैक्ट ग्रुप ऑन कश्मीर की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सोमवार को होने वाली बैठक में बोलना है।
'डॉन' की खबर के अनुसार, "शरीफ संभवत: महासभा में अपने संबोधन का बड़ा हिस्सा भारत के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन का खुलासा करने पर खर्च करेंगे।" वह विश्व संस्था से कश्मीर में जनमत संग्रह के प्रस्ताव को लागू कराने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह भी करेंगे। इस बीच वेनेजुएला के मार्गारिटा में हुए 17वें गुट निरपेक्ष सम्मेलन (नाम) में पाकिस्तान ने 'कश्मीर में मानवाधिकारोंके उल्लंघन' को लेकर निशाना साधा।
विदेश मामलों में पाकिस्तान के प्रधानंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने नाम सम्मेलन में कहा कि जब तक कश्मीरी जनता की इच्छा के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं होगा, तब तक दक्षिण एशिया में शांति नहीं आएगी। आतंकवाद के खिलाफ अभियान और इस बुराई से निपटने में सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का मुकाबला करने के अपने अनुभव को 'नाम' के अन्य देशों के साथ साझा करने को तैयार है।
रविवार को कश्मीर के एक सैन्य शिविर पर हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हॉटलाइन स्थापित किया था। जियो न्यूज की खबर के अनुसार, "इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के मुताबिक भारत के आग्रह पर हॉटलाइन स्थापित हुई थी। टेलीफोन पर बातचीत के दौरान नियंत्रण रेखा पर स्थिति को लेकर चर्चा की गई।" पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का उड़ी की घटना से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीरियों को केवल नैतिक समर्थन दिया है।
पाकिस्तान सीमा से लगे उड़ी में सेना के एक शिविर पर रविवार को हुए आत्मघाती हमले में 18 जवान शहीद हो गए और 30 अन्य घायल हो गए। हमले में शामिल सभी चार आतंकियों को मार गिराया गया था।