वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत दुनिया को आतंकवाद की बुराई को जड़ से समाप्त करने की जरूरत के बारे में समझाने में सफल रहा है तथा नियंत्रण रेखा के पार किये गये लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक) से यह साबित हुआ कि देश जरूरत पड़ने पर अपनी रक्षा कर सकता है। मोदी ने वर्जीनिया के टायसन कार्नर स्थित रित्ज कार्लटन में आयोजित एक सामुदायिक स्वागत कार्यक्रम में कहा, भारत जब 20 वर्ष पहले आतंकवाद की बात करता था तो विश्व में कई यह कहते थे कि यह कानून एवं व्यवस्था की समस्या है और इसे समझाते नहीं थे। यद्यपि अब आतंकवादियों ने उन्हें आतंकवाद समझा दिया है और इसलिए हमें यह करने की जरूरत नहीं है। (PM मोदी ने टॉप अमेरिकी CEOs के साथ मीटिंग की, भारत में निवेश करने को कहा)
उन्होंने कहा कि भारत विश्व को आतंकवाद को समूल नष्ट करने की जरूरत के बारे में बताने में सफल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने गत तीन वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियां रेखांकित करते हुए कहा, जब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की तो दुनिया ने हमारी ताकत का अनुभव किया और यह महसूस किया कि भारत संयम बरतता है लेकिन जरूरत पड़ने पर ताकत भी दिखा सकता है। उल्लेखनीय है कि भारत ने गत वर्ष उरी हमले के बाद 29 सितम्बर को नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया था।
मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद का पीड़ित रहा है लेकिन विश्व ने हमें रोका नहीं और वह हमें रोक नहीं सकता। हम विश्व को भारत पर होने वाले आतंकवाद के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताने में सफल रहे हैं। उन्होंने परोक्ष रूप से चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत वैश्विक व्यवस्था का पालन करने में विश्वास करता है। मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक नियमों का पालन किये बिना अपने लक्ष्यों को हासिल करने में विश्वास नहीं रखता। जाहिर तौर पर दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व जमाने की कोशिशों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा भारत ने हमेशा वैश्विक व्यवस्था और कानून के शासन के दायरे में विकास का रास्ता अपनाया है। उन्होंने कहा, यही भारत की परंपरा और संस्कृति है।
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