नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद पर बड़ा बयान दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के विवाद से खुश नहीं हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से चीन विवाद पर फोन पर बात की है। इसके बाद एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा चीन से विवाद को लेकर पीएम मोदी का मूड ठीक नहीं है। ट्रंप ने भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद को बड़ा बताया है।
ट्रंप के इस बयान से साफ है कि वो भी भारत-चीन विवाद के बीच में कूद पड़ा है। वो भी तब जब खुद चीन और अमेरिका में पहले ट्रेड और अब कोरोना को लेकर शीतयुद्ध जैसे हालात हैं। कूटनीति की दुनिया में ट्रंप के इस बयान के मायने बड़े हैं क्योंकि न तो भारत अमेरिका के पास गया और ना ही चीन, ऐसे में ट्रंप ने पहले तो खुद ही मध्यस्थता की पेशकश की और अब कह दिया है कि भारत और चीन के बीच जो विवाद आकार ले रहा है उससे पीएम मोदी खुश नहीं हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मैं मोदी को बहुत पसंद करता हूं, वो बहुत अच्छे जेंटलमैन हैं। जी हां आप उसी विवाद की बात कर रहे हैं जो इन दिनों भारत और चीन के बीच चल रहा है। भारत और चीन के बीच एक बड़ा विवाद चल रहा है। दो ऐसे देश जिनकी आबादी 1 अरब 40 करोड़ है, दो देश जिनके पास बहुत शक्तिशाली सेना हैं और भारत इससे खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है लेकिन मैं आपको बता दूं कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है, वो चीन के साथ जो कुछ भी हो रहा है, उससे वो बिलकुल भी खुश नहीं हैं।"
ये बयान भारत और चीन के विवाद में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है। चीन पहले ही अमेरिका से लड़ रहा था लेकिन अब चीन भारत और अमेरिका के चक्रव्यूह में फंसता जा रहा है। डोनल्ड ट्रंप जब कल मीडिया के सामने आए तो उनकी जुबान पर भारत और चीन ही था। जहां उन्होंने एक बार फिर से मोदी को जिगरी दोस्त बताया जबकि चीन के बारे में जो कुछ कहा वो किसी धोखेबाज के लिए ही कहा जाता है।
जब रिपोर्टर ने उनसे भारत-चीन विवाद पर मध्यस्थता करने पर सवाल किया तब ट्रंप ने कहा, "मैं ऐसा करना चाहूंगा। मैं बिलकुल भी ऐसा करना चाहूंगा। वे चाहें तो मैं मेडिएटर या फिर आर्बिट्रेटर की भूमिका निभा सकता हूं।"
इस बीच चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि चीन और भारत को वर्तमान में सीमा पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए अमेरिका की सहायता की जरूरत नहीं है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी, जिसके बाद चीन की मीडिया में यह प्रतिक्रिया सामने आयी है।
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