संयुक्त राष्ट्र: दुनियाभर में कोविड-19 से हुई जनहानि पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अन्य देशों के जरूरतमंद लोगों के लिए फिर से टीके प्रदान करने की शुरुआत की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और उन्होंने टीका विनिर्माताओं का ‘‘भारत में आकर टीके बनाने’’ का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘पिछले डेढ़ साल से पूरी दुनिया 100 साल की सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रही है। मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिनकी मौत इस भयावह महामारी से हो गई। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के कोरोना रोधी टीके से संबंधित पोर्टल ‘कोविन’ एक दिन में टीके की लाखों खुराक दिए जाने में डिजिटल मदद उपलब्ध करा रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत ने इस साल अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर आने के बाद से कोविड रोधी टीकों का निर्यात बंद कर रखा है। भारत ने सोमवार को कहा था कि वह कोवैक्स कार्यक्रम के तहत अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के अंतर्गत इस साल की चौथी तिमाही में कोविड रोधी टीके की अधिशेष खुराकों का निर्यात शुरू करेगा।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘‘भारत ‘सेवा परमो धर्म’ के मार्ग पर चलता है और वह सीमित संसाधनों के बावजूद टीकों का विकास एवं विनिर्माण कर रहा है। मैं यूएनजीए को सूचित करना चाहता हूं कि भारत ने विश्व का पहला डीएनए टीका विकसित कर लिया है जो 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक अन्य एमआरएनए टीका विकास के अंतिम चरण में है। भारत के वैज्ञानिक नाक के जरिए दिए जाने वाले कोरोना रोधी टीके का विकास करने में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को महसूस करते हुए भारत ने विश्व में जरूरतमंद लोगों को एक बार फिर से टीके उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं। मैं आज पूरी दुनिया के टीका विनिर्मातओं को आमंत्रित करता हूं कि वे आएं और भारत में टीके बनाएं।’
हमें जरूरत में अफगानिस्तान के लोगों की मदद के दायित्व को निभाना चाहिए: मोदी ने संरा में कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया को युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में लोगों की मदद करके अपना दायित्व निभाना चाहिए जहां महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों को सहायता की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है। हमें उन्हें यह सहायता प्रदान करके अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी हमलों के लिए न हो। प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, “हमें सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि कोई भी देश वहां की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश न करे और इसे अपने स्वार्थ के लिए एक साधन के तौर पर इस्तेमाल न करे।”
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