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Hindi News विदेश अमेरिका 'पाकिस्तान को बताए पेंटागन कि आतंक के समर्थन का अंजाम क्या होता है'

'पाकिस्तान को बताए पेंटागन कि आतंक के समर्थन का अंजाम क्या होता है'

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ दिनों पहले भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से अमेरिका निर्मित राइफल बरामद की थी जो पाकिस्तान के लिए बनाई गई थी...

Representational Image | AP Photo- India TV Hindi Representational Image | AP Photo

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया नीति के समर्थन में आगे आए अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि पेंटागन को पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन जारी रखने के ‘परिणाम’ दिखाने चाहिए। ट्रंप ने अगस्त में दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान के लिए अमेरिका की नई नीति का खुलासा करते हुए आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान की निंदा की थी। कांग्रेस में दोनों दलों के नेताओं ने रक्षा मंत्रालय से भी अपील की कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सुरक्षा मदद पर निकटता से नजर रखे और सुनिश्चित करे कि देश आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करे।

सांसदों ने सीनेट और प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र बल समितियों की गुरुवार को जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में पेंटागन से कहा कि वह ‘पाकिस्तान को आतंकवादियों को समर्थन देना जारी रखने के परिणाम दिखाए।’ सांसदों ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब कुछ दिनों पहले भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से अमेरिका निर्मित राइफल बरामद की थी जो पाकिस्तान के लिए बनाई गई थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आतंकवादियों से हथियार बरामद होने संबंधी प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘आप इस मामले में भारत सरकार की जांच के संबंध में उनके पास जाएं।’

प्रतिनिधि सभा ने एक और कदम उठाते हुए अपने उस संशोधन को वापस ले लिया जिसमें सुरक्षा सहायता संबंधी प्रमाणन आवश्यकताओं से लश्कर-ए-तैयबा को हटाने की बात की गई थी। NDAA 2018 के स्वीकार्य संस्करण के अनुसार पाकिस्तान को गठबंधन सहायता निधि (CSAF) के तहत दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की मदद में से 35 करोड़ डॉलर की राशि रक्षा मंत्री से यह प्रमाणन मिलने पर आधारित होगी कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ स्पष्ट कदम उठा रहा है। पिछले 2 साल में अमेरिका के 2 विदेश मंत्रियों एश्टन कार्टर और जिम मैटिस ने पाकिस्तान की ओर से हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस और संतोषजनक कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उसे यह प्रमाणन देने से इनकार कर दिया था।

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