"सही कदम उठाते हुए आतंकवादियों को अमेरिका को सौंप दे पाकिस्तान"
अमेरिका ने आज उम्मीद जताई कि पाकिस्तान सही कदम उठाकर आतंकवादियों को ‘‘सौंप देगा’’ और उसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पूरा सम्मान करेगा।
वाशिंगटन: अमेरिका ने आज उम्मीद जताई कि पाकिस्तान सही कदम उठाकर आतंकवादियों को ‘‘सौंप देगा’’ और उसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पूरा सम्मान करेगा। पब्लिक डिप्लोमेसी एंड पब्लिक अफेयर्स मामलों के अवर विदेश मंत्री स्टीवन गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान सही कदम उठाएगा और आतंकवादियों को सौंप देगा और अपनी प्रतिबद्धता का पालन करेगा।’’ गोल्डस्टीन ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि अमेरिका को इस बारे में अभी पाकिस्तान से कोई जानकारी नहीं मिली है कि उसने ट्रंप प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की सहायता रोके जाने के विरोध में इस्लामाबाद ने अमेरिका के साथ अपना सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोकने का कथित निर्णय लिया है। (उत्तर कोरिया के साथ तनाव के चलते शिंजो आबे यूरोपीय देशों की यात्रा पर रवाना)
गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान वार्ता की मेज पर आएगा और उन आतंकवादियों को सौंपेगा जिन्हें सौंपे जाने के लिए हमने कहा है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सहायता केवल रोकी है और राशि पुन: आवंटित नहीं की गई है। गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान का काम है कि वह हमें जताई गई प्रतिबद्धता को गंभीरता से लें और सबसे जरूरी है कि वह पाकिस्तान के उन लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को गंभीरता से ले और आगे आए जिन्हें इससे या किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हमारा रुख नहीं बदला है। वे अभी तक आगे नहीं आए हैं।’’ पेंटागन ने एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के पास अपने देश के भीतर आतंकवादी खतरों से निपटने की क्षमता है।
पेंटागन की मुख्य प्रवक्ता डाना व्हाइट ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि पाकिस्तान के पास अपने देश के भीतर आतंकवादी खतरों से निपटने की क्षमता है।’’ डाना ने अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में हाल में आए बदलाव के प्रश्न पर कहा, ‘‘उनके पास निर्णायक कदम उठाने का अवसर है और हम उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर उनके साथ काम करने के इच्छुक हैं।’’ इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने संघीय रजिस्टर अधिसूचना में पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों को लेकर ‘‘स्पेशल वॉच लिस्ट’’ में औपचारिक रूप से शामिल किया। टिलरसन ने इस सूची में पाकिस्तान को चार जनवरी को शामिल किया था।