संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा है, और उसे फटकार लगी है। इंटनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया। आपको बता दें कि इससे पहले जुलाई में मामले की सुनवाई करते हुए ICJ ने पाकिस्तानी अदालत के कुलभूषण को फांसी की सजा दिए जाने के फैसले पर रोक लगा दी थी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की रिपोर्ट पेश करते हुए यूसुफ ने 17 जुलाई के अपने फैसले में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक अंग ने ‘पाया कि पाकिस्तान ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया था और इस मामले में उचित उपाय किए जाने बाकी थे।’ भारत के लिए एक बड़ी जीत के रूप में ICJ ने फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करनी चाहिए, जो भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी थे और जिन्हें पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी।
भारत की दलील थी कि उसके नागरिक को दूतावास तक पहुंच नहीं मुहैया कराई गई, जो 1963 की वियना संधि का उल्लंघन है। यूसुफ की अगुवाई वाली पीठ ने ‘कुलभूषण सुधीर जाधव की सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार का आदेश दिया था।’ यूसुफ ने महासभा में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए जाधव मामले में अदालत के फैसले के कई पहलुओं पर विस्तार से बताया। पाकिस्तान के लिए ICJ अध्यक्ष का यह बयान एक बड़ा झटका माना जा रहा है। (भाषा)
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