वॉशिंगटन: अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के धनशोधन और आतंकवाद रोधी कदमों के क्रियान्वयन में खामियों को लेकर लंबे समय से चिंताएं हैं। अमेरिका का यह बयान इन रिपोर्टों के बीच आया है कि वह पाकिस्तान को आतंकवादियों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने वाले देशों की अंतरराष्ट्रीय निगरानी सूची में रखना चाहता है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने यह टिप्पणी 18 से 23 फरवरी तक पेरिस में होने वाली ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (FATF) की अहम बैठक से पहले की है।
FATF नीति निर्माण एवं मानक तय करने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो धनशोधन और आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद से निपटने के लिए समर्पित है। हीथर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को धनशोधन एवं आतंकवाद रोधी कदमों और इसी प्रकार के अन्य मामलों के क्रियान्वयन में पाकिस्तान सरकार की खामियों को लेकर लंबे समय से चिंताएं हैं।’ हीथर से पाकिस्तान के वित्त राज्य मंत्री राणा अफजल की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया था कि अमेरिका इस्लामाबाद को आतंकवाद का वित्त पोषण करने वालों की अंतर्राष्ट्रीय निगरानी सूची में रखना चाहता है।
अफजल ने सीनेट को बताया कि पाकिस्तान को आतंकवाद का वित्त पोषण करने वालों की अंतर्राष्ट्रीय निगरानी सूची में रखने की कोशिश पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति को बाधित करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन की राजनीतिक चाल है। हीथर से जब पाकिस्तान के मंत्री के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘FATF आतंकवाद और धनशोधन के खिलाफ काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उसमें होने वाले विचार विमर्श के बारे में मैं कोई पुष्टि नहीं कर सकती क्योंकि उन्हें निजी माना जाता है।’ पाकिस्तान वर्ष 2012 से 2015 तक इस सूची में था।
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