पाक विदेश मंत्री ने US से कहा, 'हाफिज जैसे लोग हमारे ऊपर बोझ, कभी आपके डार्लिंग हुआ करते थे'
आसिफ ने कहा, "ये लोग हमारे ऊपर बोझ हैं। मैं स्वीकार करता हूं कि वे लोग हमारे उपर बोझ हैं, लेकिन हमें इनसे छुटकारा पाने में कुछ समय लगेगा। हमारे पास इस बोझ से निपटने के लिए पूंजी नहीं है।"
न्यूयॉर्क: पाकिस्तान ने कहा है कि अमेरिका हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों के लिए हमें जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, क्योंकि कुछ वर्ष पहले वाशिंगटन ऐसे लोगों को 'डार्लिग' मानता था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एशिया सोसाइटी फोरम में मंगलवार को कहा कि यह कहना बहुत आसान है कि इस्लामाबाद हक्कानी नेटवर्क, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा(LeT) को चलाता है। एपीपी के अनुसार, आसिफ ने कहा, "ये लोग हमारे ऊपर बोझ हैं। मैं स्वीकार करता हूं कि वे लोग हमारे उपर बोझ हैं, लेकिन हमें इनसे छुटकारा पाने में कुछ समय लगेगा। हमारे पास इस बोझ से निपटने के लिए पूंजी नहीं है।"
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें अधिवेशन से इतर आसिफ ने कहा, "हमपर हक्कानी के लिए आरोप न लगाएं और हमपर हाफिज सईद के लिए आरोप न लगाएं। 20 से 30 वर्ष पहले ये लोग आपके 'डार्लिग' हुआ करते थे। इन लोगों का व्हाइट हाउस में स्वागत किया गया था और अब आप कह रहे हैं कि पाकिस्तान नर्क में जाओ, क्योंकि हम इनलोगों को पाल रहे हैं।" हाफिज सईद मुंबई में नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। नई दिल्ली बार-बार इस हमले के लिए उसे सजा देने की मांग करता रहा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मौजूदा अफगानिस्तान समस्या का कोई सैन्य समाधान नहीं है। अफगानिस्तान की सारी समस्या के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना न तो सही है और न ही अच्छा। हमें साथ मिलकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान के लिए हर संभव प्रयास किए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ न हो।
आसिफ ने कहा कि हम अमेरिका के अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने की मजबूत इच्छा को समझते हैं। हम इसका समर्थन करते हैं और अफगानिस्तान में शांति स्थापना और स्थिरता के सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान मामले में पाकिस्तान की अपनी कुछ सीमाएं हैं। आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद, अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले सकता और हमें वह लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा जा रहा है, जो सबसे शक्तिशाली और अमीर देश मिलकर भी हासिल नहीं कर सकते।