वॉशिंगटन: अमेरिका ने पश्तो भाषा वाले रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टिज स्टेशन बंद करने के पाकिस्तान के फैसले पर चिंता जाहिर की है। इस्लामाबाद का आरोप है कि अमेरिका के जरिए फंडिंग हासिल करने वाले इस रेडियो स्टेशन में पाकिस्तान के हितों के खिलाफ सामग्रियां प्रसारित की जाती हैं। इस मुद्दे पर बात करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने ये रिपोर्ट देखी है और पाकिस्तान सरकार के समक्ष अपनी चिंताएं प्रकट की है। हम मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।’
प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘अमेरिका दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। सक्रिय और स्वतंत्र प्रेस लोकतांत्रिक सरकार की आधारशिला होती है।’ गौरतलब है कि रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी ने साल 2010 में रेडियो मशाल की स्थापना की थी और इसकी फंडिंग अमेरिका की सरकार करती है। इस रेडियो स्टेशन की स्थापना अफगानिस्तान से लगे पाकिस्तान के कबाइली इलाके में चरमपंथी प्रचार के विकल्प के रूप में की गई थी। इसके जरिए ऐसे श्रोताओं तक पहुंचने की कोशिश की गई थी जो इसके लॉन्च होने से पहले तालिबानी चरमपंथियों के 'मुल्ला रेडियो’ को सुनते थे।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा इस रेडियो स्टेशन पर पाकिस्तान के ‘हितों के खिलाफ’ कार्यक्रम प्रसारित करने के आरोप के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस स्टेशन को बंद करने के लिए कहा था। हालांकि इस आरोप को रेडियो स्टेशन RFE/RL ने खारिज कर दिया था। RFE/RL के अध्यक्ष थॉमस केंट ने कहा, ‘रेडियो मशाल किसी भी खुफिया एजेंसी या किसी सरकार के हित में नहीं काम करता है।’
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