न्यूयॉर्क: अमेरिका में 31 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक ने फर्जी स्कूल एवं कॉलेजों के डिप्लोमा देने से जुड़े 14 करोड़ डॉलर के एक घोटाले में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है। इस घोटाले को पाकिस्तान के कानून प्रवर्तन द्वारा बंद की गई एक पाकिस्तानी कंपनी के जरिए अंजाम दिया गया था। कराची के उमर हामिद ने कल अमेरिकी डिस्टि्रक्ट जज रोनी अब्राम्स के समक्ष अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमा मिल योजना के संबंध में की गई धोखाधड़ी में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली। इसमें हजारों उपभोक्ताओं से लाखों डॉलर ठगे गए थे।
इस अपराध के लिए अधिकतम 20 वर्ष की सजा हो सकती है। हामिद को जुलाई में सजा सुनाई जाएगी। हामिद को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। हामिद एग्जैक्ट कंपनी में सहायक उपाध्यक्ष (अंतरराष्ट्रीय संबंध) के तौर पर सेवारत था और उसने अमेरिका समेत दुनिया भर के कई लोगों को ठगने के लिए उनके समक्ष कथित हाईस्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकरण करवाने की पेशकश की।
उपभोक्तओं ने हामिद और उसके सहयोगियों को यह मानकर फीस थमा दी कि इसके बदले में उनका नामांकन असली शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में हो जाएगा और फिर उन्हें वैध डिग्रियां भी मिल जाएंगी। लेकिन फीस भरने के बाद भी उपभोक्ताओं को कोई वैध निर्देश नहीं मिले और उन्हें फर्जी और बेकार डिप्लोमा थमा दिए गए। मई 2015 में पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन द्वारा एग्जैक्ट्स को बंद कर दिया गया था और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ पाकिस्तान में कार्रवाई की गई।
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