वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने ओबामा के समय में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को एक विफलता करार देते हुए कहा है कि अमेरिका ईरान के प्रति अपनी नीतियों की व्यापक समीक्षा कर रहा है। टिलरसन ने कहा कि समझौता ईरान को परमाणु मुक्त बनाने में विफल रहा है और इसने देश के परमाणु संपन्न राज्य बनने की गति को थोड़ा धीमा किया है। आनन फानन में बुलाई गई एक प्रेस वार्ता में कल उन्होंने कहा कि यह समझौता उसी तरह से विफल हुआ है जिस तरह से हम मौजूदा दौरा में उत्तर कोरिया से खतरे का सामना कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन की मंशा ईरान के मामले की जिम्मेदारी भावी प्रशासन पर छोड़ने की नहीं है।
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टिलरसन की यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन के कांग्रेस को यह बताने के एक दिन बाद आई है कि ईरान 2015 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा परमाणु समझौते पर की गई वार्ता का पालन कर रहा है और इसने अपने परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण लगाने के बदले में ईरान पर लगे प्रतिबंधों में दी जाने वाली राहत को बढ़ा दिया है।
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बहरहाल, सदन के अध्यक्ष पॉल रयान को लिखे पत्र में टिलरसन ने कहा है कि प्रशासन ने यह देखने के लिए अंतर-एजेंसी समीक्षा के आदेश दिए हैं कि क्या पाबंदी पर रोक अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में हैं? उन्होंने यह भी कहा है कि ईरान आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों राष्ट्रों में प्रमुख है। आरोपों को दोहराते हुए टिलरसन ने कहा कि ईरान की उकसावे की कार्रवाई अमेरिका, क्षेत्र और दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन फिलहाल ईरान पर नीति की व्यापक समीक्षा कर रहा है।
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