वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग चोल ने न्यूयॉर्क में बैठक की। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में ऐतिहासिक शिखर वार्ता के पहले यह बैठक हुई है। अमेरिका के विदेश मंत्री के साथ उत्तर कोरिया के पूर्व खुफिया प्रमुख की बैठक ऐसे वक्त हुई है जब ट्रंप और किम के बीच शिखर सम्मेलन की संभावनाओं को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशें हो रही है। पिछले 18 साल में अमेरिका का दौरा करने वाले किम योंग चोल उत्तर कोरिया के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पोम्पिओ ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘रात में न्यूयार्क में किम योंग चोल के साथ भोजन के दौरान अच्छी वार्ता हुई।’’ (मोटापे से परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने लिया ये बड़ा फैसला )
बैठक करीब 90 मिनट तक चली। बीजिंग से न्यूयार्क पहुंचे उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी गुरूवार को फिर पोम्पिओ से मुलाकात करेंगे। विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘‘पोम्पिओ उत्तर कोरिया के वाइस चेयरमैन किम योंग चोल के साथ बैठक के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे। हम सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया के चेयरमैन किम जोंग उन के साथ संभावित शिखर वार्ता की सक्रियता से तैयारी में लगे हैं। हमने कोरियाई प्रायद्वीप के निरस्त्रीकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।’’ व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि प्रशासन तैयारी कर रहा है और शिखर वार्ता 12 जून को सिंगापुर में होने की उम्मीद है।
उन्होंने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर 12 जून को वार्ता हुई तो हम तैयार रहेंगे।’’ सैंडर्स ने कहा, ‘‘डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ जोए हैगिन के नेतृत्व में एक दल ने आज सिंगापुर में उत्तर कोरियाई दल से मुलाकात की और कल भी ऐसा होने की संभावना है। हम सिंगापुर में अपने कूटनीतिक साझेदार को धन्यवाद कहना चाहते हैं जो शिखर वार्ता की मेजबानी करने के लिए तैयार हो गए। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री ली की उनके सभी प्रयासों के लिए प्रशंसा की है।’’ उन्होंने बताया कि असैन्यीकृत क्षेत्र में भी राजूदत सुंग किम के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तर कोरियाई अधिकारियों से मुलाकात की। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘उनकी वार्ता जारी रहेगी। अभी तक इन बैठकों का ब्यौरा सकारात्मक रहा है और हम इसे जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बातचीत कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर ही केंद्रित रहेगी।
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