नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले पर पछतावा नहीं है। साथ ही उन्होंने यह रेखांकित करते हुए कहा कि अफगान सैनिकों को खुद अपने लिए लड़ना चाहिए। बाइडेन ने अफगानिस्तान के नेताओं से एकजुट होने और 'अपने देश के लिए लड़ने' का अनुरोध किया है। BBC की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए बाइडेन ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान के लिए किए गए वादों को पूरा कर रहा है, जिसमें हवाई सहायता देना, सैन्य वेतन का भुगतान करना और अफगान बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति करना शामिल है।
‘अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा’
बाइडेन ने कहा, ‘हमने 20 सालों में एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किए। अफगान बलों के 3,00,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया, साजो सामान दिया। अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा। हमारे हजारों सैनिक घायल हुए, हजारों मारे गए। उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, अपने देश के लिए लड़नी होगी। हम अपने वादे पूरे करेंगे जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि। लेकिन उन्हें लड़ना होगा। उनकी संख्या तालिबान से ज्यादा है।’
‘मुझे अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं’
अमेरिकी बलों के अफगानिस्तान से लौटने के बीच तालिबान ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए। सप्ताहांत पर तालिबान ने अफगानिस्तान के 5 प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगान इस बात को मानने लगे हैं कि उन्हें शीर्ष स्तर पर एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम अपने वादे पूरे करते रहेंगे। मुझे अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं है।’ इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने अफगानिस्तान गया था जिन पर 11 सितंबर को हमला किया गया। वह उन दहशतगर्दों को तबाह करने गया था जो अमेरिका पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह बनाना चाह रहे थे।
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