वाशिंगटन: पाकिस्तान में विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने अफसोस जताया कि कोई भी महान शक्ति भारत और पाकिस्तान पर कश्मीर मुद्दा सुलझाने का दबाव नहीं बना रही। उन्होंने नई दिल्ली से कहा कि वह मानवीय उपयोग और अधिकार की वस्तुओं मसलन पानी का इस्तेमाल हथियार के रूप में करके उनके देश को धमकाने की कोशिश ना करे। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता जरदारी ने वॉशिंगटन में श्रोताओं से कहा, अपनी रणनीतिक स्थिति को मैं बढ़ाचढ़ा कर नहीं बता रहा लेकिन इसके कारण हम कई संभावित क्षेत्रीय साझेदारियों के केंद्र में हैं। लेकिन हमें जिस कनेक्टिविटी का लाभ मिलना चाहिए उसके बजाए हम इसकी नियति, आपसी दुश्मनी में ही फंसे रह गए।
उन्होंने कहा, निश्चित ही यह क्षेत्रीय नेतृत्व की नाकामी है कि दक्षिण और मध्य एशिया आर्थिक और उर्जा के पॉवरहाउस के रूप में विकसित नहीं हो पाया। अमन के लिए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की जो प्रतिबद्धता है, यह उसकी भी नाकामी है। हम देख सकते हैं कि कोई भी महान शक्ति संयुक्त राष्ट्र की सूची में दर्ज सबसे पुराने विवाद को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान पर कोई दबाव नहीं बना रही।
शीर्ष के अमेरिकी थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में अपने संबोधन में जरदारी ने कहा, पानी की सबसे ज्यादा कमी झेल रहे दुनिया के दस देशों में से एक होने के नाते पाकिस्तान साझा संसाधनों को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठा सकता। मैं उम्मीद करता हूं कि भारत की वर्तमान सरकार पानी जैसी मानवीय उपयोग और अधिकार की वस्तुओं को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर अपनी धमकी नहीं दोहराएगी।
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