सीरिया पर ट्रंप का ‘आखिरी फैसला’ अभी बाकी, ब्रिटेन और फ्रांस से करेंगे बात
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर अभी तक अपना ‘आखिरी फैसला’ नहीं लिया है...
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर अभी तक अपना ‘आखिरी फैसला’ नहीं लिया है। ट्रंप को इस बात पर फैसला लेना है कि सीरिया में बशर अल असद सरकार द्वारा कराए गए कथित रासायनिक हमले का जवाब कैसे दिया जाए। राष्ट्रपति के अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से मुलाकात करने के बाद व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया में स्थिति पर चर्चा करने के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से अभी बैठक समाप्त की है। अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया।’
सारा ने बताया कि ट्रंप असद सरकार के खिलाफ उठाए जाने वाले कदम पर शुक्रवार को ही फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे से बात करेंगे। सैंडर्स ने कहा, ‘हम खुफिया जानकारी का आकलन कर रहे हैं और हमारे साझेदारों तथा सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।’ इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि वह स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने बैठक से पहले कहा, ‘जाहिर तौर पर हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। हम पूरी स्थिति पर बहुत गंभीरता से विचार कर रहे हैं और हम देखेंगे कि क्या होता है।’
ट्रंप ने कहा, ‘यह बहुत बुरा है कि दुनिया ने हमें इस तरह की स्थिति में ला खड़ा किया। लेकिन आप जानते हैं जैसा कि मैंने सुबह कहा कि हमने इस्लामिक स्टेट से निपटने में अच्छा काम किया है। हमने इस्लामिक स्टेट को तबाह कर दिया है। लेकिन अब हमें आगे कुछ फैसले लेने हैं इसलिए वे जल्द ही लिए जाएंगे।’ अमेरिकी संसद की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष पेश होने पर रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने सांसदों से कहा कि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल ‘अक्षम्य’ है।
इससे पहले ट्रंप ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की हिमायत करने पर रूस को चेताते हुए कहा था कि सीरिया में असैन्य लोगों पर कथित रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिकी मिसाइलें आएंगी। ट्रंप ने ट्विटर पर लिखे अपने संदेश में कहा था, ‘रूस ने सीरिया पर दागी जाने वाली किसी भी या सभी मिसाइलें गिराने का संकल्प किया है। रूस तैयार रहो, क्योंकि वे आने जा रही हैं, शानदार तथा नई और स्मार्ट। आपको गैस से हत्या करने वाले किसी वहशी का साझेदार नहीं होना चाहिए जो अपने लोगों की हत्या करता है और उसका लुत्फ लेता है।’