दुनिया की ताकतवर महिला रक्षा मंत्रियों की जमात में शामिल हुईं निर्मला सीतारमन
सीतारमन और फ्रांस की फ्लोरेंस पार्ली ही ऐसी 2 महिलाएं हैं जो परमाणु शस्त्र संपन्न देशों के रक्षा मंत्रालयों की प्रमुख हैं...
संयुक्त राष्ट्र: निर्मला सीतारमन अब 16 महिला रक्षा मंत्रियों की शक्तिशाली जमात में शामिल हो गई हैं, जो इस पुरुष प्रधान क्षेत्र में महिलाओं की सशक्त भागीदारी बढ़ने का संकेत है। सीतारमन को रविवार को भारत की रक्षा मंत्री का प्रभार सौंपा गया, जिसके बाद वह विश्व के तीसरे सबसे बड़े सुरक्षा बल की प्रमुख बन गईं। सीतारमन और फ्रांस की फ्लोरेंस पार्ली ही ऐसी 2 महिलाएं हैं जो परमाणु शस्त्र संपन्न देशों के रक्षा मंत्रालयों की प्रमुख हैं। पार्ली से पहले इस पद पर सिल्वी गोलार्ड थीं, जिन्होंने 2 महीने से भी कम समय में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
दुनियाभर के सैन्य आंकड़ों की निगरानी रखने वाले ग्लोबल फायर पावर (GFP) के अनुसार, फ्रांस में 20,400 सक्रिय कर्मियों की फौज है। 1,60,000 सक्रिय सैन्यकर्मियों की फौज वाले बांग्लादेश के रक्षा मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री शेख हसीना के पास है। अन्य महत्वपूर्ण महिला रक्षा मंत्री में इटली की रॉबर्टा पिनोट्टी (2,47,000), जर्मनी की उर्सुला वोन डेर लेयेन (1,80,000), स्पेन की मारिया डोलोरेस कोस्पोडेल (1,24,100), दक्षिण अफ्रीका की नासिविवे मापिसा-नकाकुला (78,050) और ऑस्ट्रेलिया की मैरीस पेयने (60,000) के नाम शामिल हैं।
1990 के दशक में युद्धों, असैन्य युद्धों और विद्रोहों से ग्रसित यूगोस्लाविया के विभाजन के बाद बने 3 छोटे देशों की रक्षा मंत्री महिलाएं हैं। इनमें बोस्निया और हर्जेगोविना की रक्षा मंत्री मैरिना पेंडेस, मैसिडोनिया की रैडमिला सकेरिन्सका और स्लोवेनिया की एंड्रेजा काटिक शामिल हैं। अन्य यूरोपीयाई महिला रक्षा मंत्रियों में नॉर्वे की इने मैरी एरिक्सन सोरेडे, नीदरलैंड्स की हेन्निस-प्लासचार्ट और अल्बानिया की मिमी कोडेली शामिल हैं। इस महीने कोडेली के स्थान पर ओल्टा शाका यह पदभार ग्रहण करेंगी।
लैटिन अमेरिका में केवल एक महिला रक्षा मंत्री हैं। वह हैं, लंबे समय तक असैन्य युद्ध और आतंकवाद की मार झेल चुके निकारागुआ की मार्था एलीना रुईज सेविला। उत्तरी अमेरिका में कोई महिला रक्षा मंत्री नहीं हैं, हालांकि किम कैम्पबेल ने 1993 में कनाडा की प्रधानमंत्री बनने से पहले 6 महीने से भी कम समय के लिए रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाला था। फिनलैंड की मार्टा एलिजाबेथ रेहन 1990 में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति न होते हुए भी रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने वाली पहली महिला बनीं।
एशिया में पूर्ण रूप से यह जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला होने का गौरव जापान की युरिको कोइके को प्राप्त है। हालांकि उन्होंने 2007 में 2 महीने से कम समय के लिए यह जिम्मेदारी संभाली थी। उन्हें नौसेना कर्मियों द्वारा उच्च तकनीक से लैस AEGIS राडार प्रणली के बारे में गोपनीय सूचनाएं लीक किए जाने के खुलासे के बाद रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।