वॉशिंगटन: कोरोना वायरस के कहर से दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात लगे हुए हैं। इसके लिए वे तमाम तरह के रिसर्च कर रहे हैं जिनके जरिए दुनिया को नई-नई चीजें जानने को मिल रही हैं। ऐसे ही एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने लामा पशु में ऐसी सुक्ष्म एंटीबॉडी या नैनोबॉडी का पता लगाया है, जो कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में मददगार हो सकती हैं। बता दें कि ऊंट की तरह दिखने वाला लामा नाम का यह जानवर मुख्य रूप से साउथ अमेरिका महाद्वीप में पाया जाता है। हालांकि इनका कद ऊंट से काफी छोटा होता है और ये 5 फीट 7 इंच से लेकर 5 फीट 11 इंच तक लंबे हो सकते हैं।
संक्रमण रोक सकती है ‘NIH-CoVnb-112’
‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित अध्ययन के प्रारंभिक परिणाम में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि नैनोबॉडी तरल या ऐरोसोल दोनों रूपों में समान रूप से कारगर हैं, यानी ये सांस से लिए जाने पर भी प्रभावी हो सकती हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इनमें से ‘NIH-CoVnb-112’ नामक एंटीबॉडी ऐसी हैं, जो संक्रमण रोक सकती हैं और कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन को काबू करने वाले वायरस के कणों का पता लगा सकती हैं।
Image Source : Pixabay Representationalऊंट की तरह दिखने वाला लामा नाम का यह जानवर मुख्य रूप से साउथ अमेरिका महाद्वीप में पाया जाता है।
ऊंट, लामा और अल्पाका में पाई जाती है नैनोबॉडी
‘यूनीफॉर्म्ड सर्विसेज यूनिवर्सिटी फॉर द हेल्थ साइंसेज’ के प्रोफेसर डेविड एल ब्रोडी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि ये कोविड-19 रोधी नैनोबॉडी संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी और बहुआयामी हो सकती हैं।’ नैनोबॉडी एक विशेष प्रकार की एंटीबॉडी होती हैं, जो कैमिलिड पशुओं में प्राकृतिक तौर पर पाई जाती हैं। ऊंट, लामा और अल्पाका कैमिलिड पशु हैं। औसतन ये प्रोटीन मनुष्यों में पाई जाने वाली अधिकांश एंटीबॉडी के वजन के दसवें हिस्से के बराबर होती हैं। चूंकि अभी यह रिसर्च अपने प्रारंभिक चरण में है, इसलिए लामा के शरीर से मिलने वाली इस नैनोबॉडी के कोरोना वायरस पर असली असर के बारे में जानने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
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