पाक के सबसे बड़े बैंक को US ने खदेड़ा, 14 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
अमेरिकी बैंकिंग नियामकों ने न्यूयॉर्क में पिछले 40 साल से मौजूद पाकिस्तान के सबसे पड़े बैंक 'हबीब बैंक' को अपना ऑफिस बंद करने का आदेश दिया है...
न्यूयॉर्क: आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी बैंकिंग नियामकों ने न्यूयॉर्क में पिछले 40 साल से मौजूद पाकिस्तान के सबसे पड़े बैंक 'हबीब बैंक' को अपना ऑफिस बंद करने का आदेश दिया है। इस पाकिस्तानी बैंक पर टेरर फंडिंग की वजह से यह कार्रवाई हुई है। इसके अलावा अमेरिका में विदेशी बैंकों के नियंत्रक स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज (DFS) ने बैंक पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में लगभग 22.5 करोड़ डॉलर (14371 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया है।
DFS ने पिछले महीने कहा था कि वह हबीब बैंक पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है। लीगल फाइलिंग में DFS ने आरोप लगाया है कि बैंक एंटी मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में नियमों के अनुसार काम करने में फेल हुआ है। हबीब बैंक की अमेरिका में यह एकमात्र ब्रांच थी। न्यूयॉर्क बैंकिंग अधिकारियों ने कहा कि बैंक ने कई निर्देशों उपेक्षा की है। इस बैंक के जरिए ऐसे ट्रांजेक्शंस होने का शक है जिन्हें आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग या दूसरी गैर कानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया हो।
बार-बार चेतावनी के बावजूद नहीं माना बैंक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बार-बार चेतावनी जारी करने के बाद भी हबीब बैंक आतंकवादियों के वित्तपोषण और उनके पक्ष में मनी लॉन्ड्रिंग से बाज नहीं आ रहा था। पाकिस्तानी बैंक द्वारा निर्देशों को न मानने की वजह से DFS को यह कड़ा कदम उठाना पड़ा। साल 2006 में कुछ संभावित अवैध ट्रांजेक्शंस के शक होने के बाद बैंक को इस तरह के लेनदेन पर सख्त होने का निर्देश दिया गया था लेकिन बैंक ऐसा करने में असफल रहा।
बैंक यूं कर रहा था आतंकियों की मदद
हबीब ने कम से कम 13 हजार ऐसे ट्रांजेक्शंस को मंजूरी दी जिससे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा मिला। रेग्युलेटर्स के मुताबिक बैंक ने गलत तरीके से 25 करोड़ डॉलर के ऐसे ट्रांजेक्शंस को भी मंजूरी दी जिनमें आतंकियों और अंतरराष्ट्रीय हथियार सौदेबाज शामिल थे। DFS ने कहा कि इससे आंतकी गतिविधियों की फाइनेंसिंग का रास्ता खुलता है और अमेरिकी लोगों के साथ-साथ फाइनैंशल सिस्टम को खतरा पैदा होता है। DFS का कहना है कि हबीब बैंक को अपना लाइसेंस सरेंडर करना होगा और यह चोरी-छिपे अमेरिका से नहीं जा सकता।