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Hindi News विदेश अमेरिका H1B वीजा प्रणाली की नई शर्त, इन भारतीय इंजीनियरों को होगा नुकसान

H1B वीजा प्रणाली की नई शर्त, इन भारतीय इंजीनियरों को होगा नुकसान

इस कदम का असर एक अक्टूबर 2017 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए एच1बी कार्य वीजा के लिए आवेदन करने वाले हजारों भारतीयों पर पड़ सकता है।

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वाशिंगटन: अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ने एक नयी व्यवस्था दी है जिसके तहत किसी सामान्य कम्प्यूटर प्रोग्रामर को अब विशेषज्ञताप्राप्त पेशेवर नहीं माना जाएगा जो एच1बी कार्य वीजा के मामले में एक अनिवार्य शर्त है। इस कदम का असर एच1बी कार्य वीजा के लिए आवेदन करने वाले हजारों भारतीयों पर पड़ सकता है। यह व्यवस्था अमेरिका के डेढ़ दशक पुराने दिशानिर्देशों के ठीक उलट हैं जिन्हें नई सहस्राब्दी की जरूरतों को पूरी करने के लिए जारी किया गया था।

अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (USCIS) ने कहा है कि प्रवेश के स्तर वाले कम्प्यूटर प्रोग्रामर अब सामान्य तौर पर विशिष्ट पेशे में स्थान नहीं पा सकेगें। USCIS ने 31 मार्च को एक ज्ञापन जारी करके यह स्प्ष्ट किया है कि अब कौन सी चीजें विशिष्ट पेशे के लिए जरूरी हैं। इस कदम का असर एक अक्टूबर 2017 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए एच1बी कार्य वीजा के लिए आवेदन करने वाले हजारों भारतीयों पर पड़ सकता है। इसके लिए प्रक्रिया कल शुरू हो गई है।

USCIS पॉलिसी मेमोरैंडम में कहा गया है कि, एक व्यक्ति कम्प्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर कार्यरत हो सकता और वह सूचना तकनीक कौशल तथा ज्ञान का इस्तेमाल किसी कंपनी को उसके लक्ष्य को हासिल कराने के लिए कर सकता है लेकिन उसकी नौकरी उसको विशिष्ट पेश के लिए स्थापित कराने के लिए पर्याप्त नहीं है। (USCIS) ने तर्क दिया कि पुराना मेमोरेंडम ऑक्यूपेशनल आउटलुक हैंडबुक के 1998-1999 और 2000-01 संस्करणों पर आधारित है, जो कि अब अप्रचलित हो गया है।

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