न्यूयार्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र से कहा कि जलवायु परिवर्तन की कार्रवाई पर भारत की नीति ' लालच नहीं, जरूरतों,' के सिद्धांत पर आधारित है और नई दिल्ली 2022 तक अपने मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को बढ़ाकर 175 गीगावाट से 450 गीगावाट करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा चैंबर में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा आयोजित उच्चस्तरीय शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है और मुद्दे से निपटने के लिए व्यावहारिक बदलावों पर वैश्विक 'जन आंदोलन' की जरूरत है।
मोदी ने हिंदी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "'लालच नहीं, जरूरत' हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है और इसलिए भारत यहां केवल अपनी बात रखने नहीं आया है बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक रोडमैप के साथ आया है। हम विश्वास करते हैं कि अभ्यास की एक कोशिश एक टन उपदेश से ज्यादा मूल्यवान है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2022 तक अपने गैर-जीवाश्म ईंधन के लक्ष्य को 175 गीगावाट से बढ़ाकर 450 गीगावाट तक करने की कोशिश कर रहा है।
Latest World News