संयुक्त राष्ट्र: भारत ने सोमवार को इस बात को रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है। आयरलैंड की अध्यक्षता में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का सक्रियता से समर्थन किया है और इसमें योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया बनाने तथा परमाणु शस्त्रों का पूरी तरह उन्मूलन करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है जो निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के पहले दस्तावेज द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण को दी गयी सर्वोच्च प्राथमिकता के संगत है।’’
श्रृंगला ने कहा कि भारत मानता है कि एक वैश्विक प्रतिबद्धता तथा सहमति वाली वैश्विक एवं भेदभाव-रहित बहुपक्षीय रूपरेखा में अंकित चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2006 में जमा किये गये परमाणु निरस्त्रीकरण पर भारत के कार्य दस्तावेज में इसका उल्लेख है। भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर-सम्मेलन की प्रक्रिया में भाग लिया और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में नियमित भाग लेता रहा है। भारत राष्ट्रीय सुरक्षा संपर्क समूह का भी सदस्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों तथा संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर करीब से ध्यान दे।’’ श्रृंगला ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को भारत जो प्राथमिकता देता है, उसके प्रति पूर्वाग्रह के बिना देश निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन में ‘फिसाइल मेटेरियल कट-ऑफ ट्रीटी’ (एफएमसीटी) पर बातचीत शुरू करने की अपनी तत्परता जता चुका है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारत ने एफएमसीटी पर सरकारी विशेषज्ञों के समूह तथा एफएमसीटी पर उच्चस्तरीय विशेषज्ञ तैयारी समूह के कामकाज में भी भाग लिया है।
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