वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने 21 मार्च (रविवार) को धरती के पास से एक बड़े उल्कापिंड के गुजरने की जानकारी दी है। हालांकि पृथ्वी से इसके टकराने का कोई खतरा नहीं है। नासा ने गुरुवार को अपने दिए एक बयान में कहा एफओ32 नाम का यह उल्कापिंड 21 मार्च को पृथ्वी के कुछ 20 लाख किलोमीटर की दूरी पर से गुजरेगा।
लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह उल्कापिंड लगभग 0.8 से 1.7 किलोमीटर व्यास का है। दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी द्वारा प्रबंधित सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (सीएनईओएस) के निदेशक पॉल चाडोस ने कहा, "हम सूर्य के चारों ओर 2001 एफओ32 के कक्षीय मार्ग को जानते हैं। इसकी खेज 20 साल पहले की गई थी और तभी इसके कक्षीय मार्ग के बारे में पता लगा लिया गया था। हालांकि ऐसा कोई मौका नहीं है कि यह पृथ्वी के 12.5 करोड़ मील से अधिक नजदीक आ पाएगा।"
बहरहाल खगोलीय दृष्टिकोण से यह दूरी काफी नजदीक है इसलिए 2001 एफओ32 को 'संभावित रूप से खतरनाक' माना गया है। यह लगभग 124,000 प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरेगा। इसकी गति उससे कहीं ज्यादा है जिस गति से आने वाले क्षुद्रग्रह अकसर टकराते हैं।
ब्रिटेन में गिरा उल्कापिंड अत्यंत दुर्लभ
बीते दिनों ब्रिटेन में 28 फरवरी को गिरा उल्कापिंड बेहद दुर्लभ प्रकृति का है। इससे सोलर सिस्टम और पृथ्वी पर जीवन का इतिहास पता चल सकता है। वैज्ञानिकों ने करीब 300 ग्राम के इस उल्कापिंड को विंचकोम्बे कस्बे से बरामद किया है। यह उल्कापिंड कार्बनमय कॉन्ड्राइट से बना है। यह पदार्थ सौर व्यवस्था के सबसे प्राचीन और प्रारंभिक पदार्थ से बना है। गौरतलब है कि अंतरिक्ष से हमेशा ही इस तरह के टुकड़े दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में गिरते रहते हैं। माना जाता है कि एक ऐसे ही पत्थर के गिरने से धरती पर डायनासोर खत्म हो गए।
(इनपुट- IANS)
Latest World News