न्यूयॉर्क: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 मिशन के लैंडर विक्रम पर एक नई जानकारी दी है। नासा ने दो तस्वीरें जारी करते हुए बताया है कि भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर ने चांद पर हार्ड लैंडिंग की थी। नासा ने बताया कि और तस्वीरें अब अक्टूबर में ली जाएंगी। आपको बता दें कि ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का 7 सितंबर को तड़के चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। लैंडर के भीतर ही रोवर ‘प्रज्ञान’ बंद था जिसे चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने थे।
ये हाई रेजॉलूशन तस्वीरें नासा के लूनर ऑर्बिटर कैमरा के जरिए खींची गई हैं। NASA की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'चंद्रमा की सतह पर नासा की हार्ड लैंडिंग हुई, यह साफ है। स्पेसक्राफ्ट किस लोकेशन पर लैंड हुआ, इसके बारे में अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। तस्वीरें केंद्र से 150 किलोमीटर दूरी से ली गई हैं।' आपको बता दें कि विक्रम को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन संपर्क टूटने के कारण यह संभव नहीं हो सका।
इस घटना के बाद विक्रम को खोजने की कोशिशें तेज कर दी गईं और कुछ ही घंटों के बाद ISRO से उसे ढूंढ़ भी निकाला। इसके बाद विक्रम से संपर्क करने की खूब कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। आपको बता दें कि चंद्रयान-2 में विक्रम लैंडर के अलावा 2,379 किलोग्राम ऑर्बिटर भी था, जो चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। इस मिशन की अवधि एक साल थी, लेकिन अब ISRO का कहना है कि ऑर्बिटर अगले 7.5 सालों तक काम करता रहेगा।
Latest World News