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NASA कर रहा है Chandrayaan-2 के लैंडिंग स्थान की तस्वीरों का विश्लेषण

NASA के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास , वहां से गुजरने के दौरान कई तस्वीरें ली जहां से विक्रम ने उतरने का प्रयास किया था।

NASA is analyzing pictures taken from landing site of Chandrayaan 2- India TV Hindi NASA is analyzing pictures taken from landing site of Chandrayaan 2

ह्यूस्टन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA अपने चंद्रमा ऑर्बिटर द्वारा चांद के उस हिस्से की खींची गई तस्वीरों का विश्लेषण, प्रमाणन एवं समीक्षा कर रहा है जहां भारत के Chandrayaan-2 मिशन ने अपने विक्रम मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था। एजेंसी के एक प्रोजेक्ट साइंटिस्ट के हवाले से मीडिया ने यह खबर दी है।

NASA के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास , वहां से गुजरने के दौरान कई तस्वीरें ली जहां से विक्रम ने उतरने का प्रयास किया था। LRO के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने NASA का बयान साझा किया जिसमें इस बात की पुष्टि की गई कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें ली हैं। सीनेट डॉट कॉम ने एक बयान में कैली के हवाले से कहा, “LROC टीम इन नयी तस्वीरों का विश्लेषण करेगी और पूर्व की तस्वीरों से उनकी तुलना कर यह देखेगी कि क्या लैंडर नजर आ रहा है (यह छाया में या तस्वीर में कैद इलाके के बाहर हो सकता है)।”

रिपोर्ट में कहा गया कि NASA इन छवियों का विश्लेषण, प्रमाणीकरण और समीक्षा कर रहा है। उस वक्त चंद्रमा पर शाम का समय था जब ऑर्बिटर वहां से गुजरा था जिसका मतलब है कि इलाके का ज्यादातर हिस्सा बिंब में कैद हुआ होगा।

सात सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का Chandrayaan-2 के विक्रम मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था। लैंडर का आखिरी क्षण में जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था। NASA के एक प्रवक्ता ने इससे पहले कहा था कि इसरो के विश्लेषण को साबित करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी Chandrayaan-2विक्रम लैंडर के लक्षित इलाके की पहले और बाद में ली गई तस्वीरों को साझा करेगी।

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