NASA के अंतरिक्षयात्री 45 साल में पहली बार समुद्र में उतरे, दो महीन बाद धरती पर लौटे
निजी कंपनी स्पेस एक्स के कैप्सूल में सवार होकर नासा के दो अंतरिक्ष यात्री रविवार को समुद्र में उतरे।
केप केनवरल: निजी कंपनी स्पेस एक्स के कैप्सूल में सवार होकर नासा के दो अंतरिक्ष यात्री रविवार को समुद्र में उतरे। अंतरिक्ष में करीब दो महीने की परीक्षण उड़ान के बाद ये अंतरिक्ष यात्री मेक्सिको की खाड़ी में उतरे। गत 45 साल में पहली बार ऐसा हुआ, जब नासा का कोई अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरा। इस वापसी के साथ ही स्पेस एक्स के अगले महीने के अभियान का रास्ता भी साफ हो गया है।
परीक्षण उड़ान के पायलट डाउ हर्ले और बॉब बेहनकेन शनिवार रात को ही अंतरराष्ट्रीय अतंरिक्ष केंद्र से धरती के लिए रवाना हुए थे और एक दिन से भी कम समय में धरती पर पहुंच गए। कंपनी के अभियान का नियंत्रण करने वालों ने कहा, '' धरती पर वापस आने पर आपका स्वागत है और स्पेस एक्स उडाने के लिए धन्यवाद।''
इससे पहले बताया गया कि ड्रैगन नाम के कैप्सूल को चालक दल ने इंडिवर नाम दिया है जो पृथ्वी की कक्षा से 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर आया और उसने 560 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश किया और अंतत: 24 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेक्सिको की खाड़ी में उतरा।
इस दौरान वायुमंडल में घर्षण की वजह से कैप्सूल के बाहरी सतह का तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पृथ्वी की ओर लौटते समय कैप्सूल पर चार से पांच गुना अधिक गुरुत्वाकर्षण बल महसूस किया गया।
समुद्र में कैप्सूल के गिरने के बाद उसे बाहर निकालने के लिए स्पेसएक्स का जहाज 40 कर्मचारियों के साथ तैनात था जिसमें डॉक्टर, नर्स आदि मौजूद थे। महामारी में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर पोत पर सवार सभी 40 कर्मचारियों को ड्यूटी पर भेजने से पहले 14 दिनों के लिए पृथक-वास में रखा गया था और उनकी कोविड-19 जांच की गई थी।
स्पेसएक्स ने पहले बताया था कि समुद्र में कैप्सूल के पास आधे घंटे में पोत पहुंच जाएगा और उन्हें निकालने के लिए अतरिक्त समय लगेगा। फ्लाइट सर्जन सबसे पहले कैप्सूल का मुआयना करेंगे। इसके बाद कैप्सूल को खोला जाएगा और अंतरिक्ष यात्रियों की चिकित्सा जांच होगी और फिर वे ह्यूस्टन स्थित अपने घर के लिए उड़ान भरेंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले नासा के अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई 1975 को अंतरिक्ष से पानी में लौटे थे।