वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्राइल के ऐतिहासिक दौरे के बाद सिलिकन वैली में रहने वाले भारतीय-अमेरिकियों और इस्राइली-अमेरिकियों के एक समूह ने दोनों देशों के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करने का प्रण लिया। ‘अमेरिकन ज्यूइश फेडरेशन ऑफ बे एरिया’ की सामुदायिक संबंध निदेशक डाएन फिशर ने गुरुवार को सिलिकन वैली में भारत-इस्राइल संबंधों पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में कहा, ‘एक सच्ची भावना सामने रही है कि भारत और इस्राइल दुनिया को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाएंगे।’
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डाइसपोरा स्टडीज (FIIDS) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सैन फ्रांसिस्को में इस्राइली उप महावाणिज्य दूत रेविटल मल्का ने कहा कि भारत और इस्राइल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के साथ मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी की इस्राइल यात्रा से इन संबंधों के महत्व का पता चलता है। सैन फ्रांसिस्को में भारत के उप महावाणिज्य दूत रोहित रसिथ ने कहा, ‘इस्राइल के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी का दायरा कृषि से लेकर सैन्य तकनीकों तक फैला है, इसमें तेजी से मानव संसाधन निवेश भी शामिल किया जाना चाहिए। सिलिकन वैली इस संयुक्त प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिहाज से आदर्श है।’
वहीं हिंदू स्वयंसेवक संघ के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक सौमित्र गोखले ने अपने संबोधन में दोनों देशों के इतिहास से जुड़ी समानताओं की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि भारत और इस्राइल दोनों प्राचीन देश हैं लेकिन साथ ही निरंतर अग्रसर संस्कृतियां और लोकतांत्रिक राष्ट्र भी हैं।
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